मध्य प्रदेश में सोयाबीन में भावांतर योजना लागू होने के बाद खरीदी केंद्रों पर सोयाबीन की आवक बढ़ गई है, किसान अपनी उपज लेकर पहुंच रहे हैं, उन्हें भरोसा है कि सरकार उन्हें उनकी उपज का दाम देगी, आपको बता दें कि अब तक 27 हजार से ज्यादा किसान अपनी उपज बेच चुके हैं.
राज्य में सोयाबीन की खरीद 24 अक्टूबर से शुरू हो गई है और 15 जनवरी 2026 तक जारी रहेगी। अब तक 27 हजार 63 किसानों से 47 हजार 493 टन सोयाबीन खरीदा जा चुका है। उल्लेखनीय है कि सोयाबीन फसल के लिए लागू भावांतर योजना में 9 लाख 36 हजार 352 किसानों ने पंजीयन कराया है।
ये निर्देश मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दिये हैं
अतिवृष्टि से खराब हुई सोयाबीन की फसल का पूरा दाम किसानों को मिले इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भावांतर योजना लागू की है, जिसके बाद किसानों ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया है. डॉ. मोहन यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि भावान्तर योजना प्रदेश के किसानों के हित में प्रारम्भ की गई है। राज्य में कुल 9.36 लाख से ज्यादा किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि योजना की पूरी प्रक्रिया में किसानों को कोई असुविधा न हो। भावांतर योजना लागू होने के बाद से खरीद केंद्रों पर सोयाबीन की आवक बढ़ी है और खरीद तेजी से जारी है।
सोयाबीन का मंडियों में पहुंचने का सिलसिला जारी है
मंगलवार 28 अक्टूबर को 10 हजार 851 किसानों से 19 हजार 191 टन सोयाबीन खरीदा गया. कृषि उपज मंडी देवास में सर्वाधिक 1699 टन, इंदौर में 1579, उज्जैन में 1538, गंजबासौदा में 1283, बैरसिया में 1154, आगर में 1085, आष्टा में 1061, शाजापुर में 1053, तराना में 1040 और सागर मंडी में 962 टन सोयाबीन खरीदा गया। इसी प्रकार जिन शीर्ष मंडियों में सबसे ज्यादा किसान पहुंचे उनमें गंजबासुदा मंडी में 1254, देवास में 1182, उज्जैन में 1106, आष्टा में 1075, बैरसिया में 900, आगर में 891, इंदौर में 795, शाजापुर में 787, सीहोर में 741 और नरसिंहगढ़ मंडी में 701 किसान सोयाबीन बेच पाए। तक पहूंच। मंडी बड़नगर जिला उज्जैन में अधिकतम भाव 5725 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
सोयाबीन खरीदी के प्रथम मॉडल मूल्य की घोषणा 7 नवंबर को
पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य में सोयाबीन की बुआई का रकबा 58.72 लाख हेक्टेयर था, जो वर्तमान में 53.20 लाख हेक्टेयर है. इस वर्ष 2025-26 में 55.54 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन का उत्पादन हुआ है। भावांतर योजना के अंतर्गत 3 अक्टूबर से 17 अक्टूबर तक पंजीयन किये गये। सोयाबीन उपार्जन का प्रथम मॉडल मूल्य 7 नवम्बर 2025 को घोषित किया जायेगा।
यह कहना है कृषि मंत्री कंषाना का
मध्य प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कंषाना ने कहा है कि कृषि विभाग द्वारा 26 लाख 49 हजार मीट्रिक टन का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया था, जिसे भारत सरकार ने यथावत स्वीकार करने पर सहमति व्यक्त की है. उन्होंने इसके लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया. कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को उनकी फसल का दाम मंडियों और बाजारों में न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम न मिले, इसके लिए सरकार ने भावांतर योजना लागू की है। इस वर्ष खरीफ-2025 में सोयाबीन का बाजार मूल्य न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम है, इसलिए किसानों को घाटे से बचाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में भावांतर योजना लागू की है, ताकि किसानों को किसी भी प्रकार का नुकसान न हो और उन्हें अपनी उपज का उचित मूल्य मिल सके।



