भोपाल, सात नवंबर (भाषा) मध्य प्रदेश पुलिस की प्रशिक्षण शाखा ने अपने सभी केंद्रों को निर्देश दिया है कि वे अब रंगरूटों के लिए रामचरितमानस के बाद भगवद गीता पाठ का एक सत्र आयोजित करें, क्योंकि इससे उन्हें ‘उत्कृष्ट’ जीवन जीने में मदद मिलेगी।
यह निर्देश अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी, ट्रेनिंग) राजा बाबू सिंह ने राज्य के सभी आठ ट्रेनिंग स्कूलों के अधीक्षकों को जारी किया है. कांस्टेबल पद के लिए चयनित करीब 4,000 युवा लड़के-लड़कियां इन केंद्रों में जुलाई से नौ महीने की ट्रेनिंग ले रहे हैं.
जुलाई में प्रशिक्षण सत्र का उद्घाटन करते हुए सिंह ने इन संस्थानों में रामचरितमानस का पाठ करने का निर्देश दिया था और कहा था कि इससे इनमें अनुशासन आएगा. रामचरितमानस में भगवान राम के गुणों और उनके 14 वर्ष के वनवास का वर्णन है।
1994 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी सिंह ने प्रशिक्षण केंद्रों के संचालकों से कहा कि यदि संभव हो तो, भगवान कृष्ण (अगहन कृष्ण) के चल रहे पवित्र महीने के दौरान भगवद गीता के कम से कम एक अध्याय को पढ़ने की पहल शुरू करें।
उन्होंने निर्देश दिया कि यह प्रशिक्षु के दैनिक ध्यान सत्र से ठीक पहले किया जा सकता है।
प्रशिक्षण केंद्रों को अपने संदेश में एडीजी ने कहा, “भगवद गीता हमारा शाश्वत ग्रंथ है। इसका नियमित पाठ निश्चित रूप से हमारे प्रशिक्षुओं को एक सदाचारी जीवन जीने में मार्गदर्शन करेगा और उनका जीवन बेहतर होगा।”
अधिकारी ने ग्वालियर रेंज के पुलिस प्रमुख के रूप में काम करते हुए 2019 के आसपास इसी तरह का एक अभियान चलाया था और कई स्थानीय जेल कैदियों और अन्य लोगों के बीच भगवद गीता की प्रतियां वितरित की थीं।
भाषा डिमो
मनीषा संतोष
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