मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों को दी गई मान्यता में फर्जीवाड़े की शिकायतें पुलिस तक पहुंच गई हैं, एनएसयूआई की शिकायत के बाद क्राइम ब्रांच भोपाल सक्रिय है और फर्जी दस्तावेजों के सहारे मान्यता हासिल करने वाले कॉलेजों की जांच कर रही है, अब इसी क्रम में होशंगाबाद के नर्मदा इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग साइंस की जांच शुरू की जा रही है.
मध्य प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में फर्जीवाड़े के खिलाफ कार्रवाई की लगातार मांग के बावजूद अनियमितताएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. एनएसयूआई लगातार इसकी शिकायत कर रही है, एनएसयूआई का कहना है कि नर्सिंग कॉलेजों की दो बार सीबीआई जांच हो चुकी है, फिर भी फर्जी मान्यता और फर्जी फैकल्टी का खेल जारी है. एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने इन शिकायतों में नर्सिंग काउंसिल के रजिस्ट्रार मुकेश सिंह, डिप्टी रजिस्ट्रार धीरज गोविंदानी और मान्यता शाखा प्रभारी माधुरी शर्मा की मिलीभगत का भी आरोप लगाया है।
पुलिस उपायुक्त, अपराध शाखा, भोपाल को जांच आदेश
एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार की शिकायत पर राज्य साइबर पुलिस द्वारा पुलिस उपायुक्त, क्राइम ब्रांच, भोपाल को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि नर्मदा इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग साइंस द्वारा फर्जी फैकल्टी और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मान्यता प्राप्त करने की शिकायत प्राप्त हुई है। साथ ही तत्काल मान्यता रद्द करने और संचालकों व संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की भी मांग की गई है। इसे जांच के लिए आपके पास भेजा जा रहा है.
दो जगह काम कर रहा एक शख्स, बंद आंखों से हुई पहचान
रवि परमार ने बताया कि कॉलेज संचालकों द्वारा मान्यता के लिए उपप्राचार्य नीता सेन का फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया था। विद्या यादव, गोविंद पटेरिया, सुनील कुमार सूर्यवंशी, संगीता कारपेंटर का पंजीयन भोपाल के नर्मदा ट्रॉमा सेंटर अस्पताल और होशंगाबाद के नर्मदा इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग साइंस दोनों में एक साथ किया गया, जो नियमों के विरुद्ध है। दूसरे, कपिल कौरई को कॉलेज में फैकल्टी के रूप में दिखाया गया था, जबकि हकीकत में वह श्री साईं इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग साइंस, सीहोर में सत्र 2024-25 के लिए एमएससी नर्सिंग का छात्र है।
कॉलेज संचालकों और फर्जी फैकल्टी के खिलाफ एफआईआर की मांग
भोपाल जिला अध्यक्ष अक्षय तोमर ने कहा कि अधिकारियों की मिलीभगत से ऐसे फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देकर छात्रों का भविष्य बर्बाद किया जा रहा है। एनएसयूआई ने कॉलेज संचालकों, फर्जी फैकल्टी और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। एनएसयूआई ने चेतावनी दी कि “अगर तत्काल कार्रवाई नहीं की गई और एफआईआर दर्ज नहीं की गई तो एनएसयूआई पुलिस आयुक्त कार्यालय और पुलिस मुख्यालय का घेराव करेगी.



