भोपाल. मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मुख्यमंत्री के गृह जिले उज्जैन में किसानों की जमीन के साथ धोखाधड़ी का गंभीर मुद्दा उठाया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि उज्जैन की उन्हेल तहसील में दबंगों ने फर्जी तरीके से किसानों की करोड़ों रुपये कीमत की 30 एकड़ जमीन मुख्यमंत्री के एक करीबी के नाम पर कर दी है.
सिंघार ने मंगलवार को भोपाल में प्रभावित किसान परिवारों से मुलाकात के बाद यह मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि यह सत्ता के खुलेआम दुरुपयोग का मामला है और मुख्यमंत्री को इस पर तत्काल संज्ञान लेना चाहिए.
क्या है पूरा मामला?
नेता प्रतिपक्ष के मुताबिक उन्हेल तहसील के कुछ किसान परिवार अपनी पुश्तैनी जमीन पर 1962 से खेती कर रहे हैं. उनके पास जमीन के मूल दस्तावेज भी हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ ताकतवर लोगों ने फर्जी व्यक्ति ‘माधवराव’ बनाकर दस्तावेजों में हेरफेर किया और पूरी जमीन की रजिस्ट्री मुख्यमंत्री के करीबी बताए जाने वाले उज्जैन निवासी नीलेश यादव के नाम पर करा दी.
सिंघार ने कहा, “किसानों के पास मूल दस्तावेज होने के बावजूद उनकी जमीन हड़प ली गई। अब दबंग इन किसान परिवारों को धमका रहे हैं और जमीन खाली करने या समझौता करने का दबाव बना रहे हैं।”
स्थापना दिवस पर सरकार को घेरा
मध्य प्रदेश स्थापना दिवस पर उमंग सिंघार ने यह मुद्दा उठाते हुए सरकार और मुख्यमंत्री की कार्यशैली पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि यह विडंबना है कि स्थापना दिवस पर ही मुख्यमंत्री के गृह जिले के किसान न्याय के लिए भटक रहे हैं.
“मुख्यमंत्री जी, यह मामला आपके गृह जिले का है। यह कैसा स्थापना दिवस है, जब आपके ही क्षेत्र के किसानों को उनकी वाजिब जमीन से बेदखल किया जा रहा है?” -उमंग सिंघार, नेता प्रतिपक्ष
उन्होंने मुख्यमंत्री से मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत हस्तक्षेप करने का आग्रह किया. सिंघार ने कहा, “जो किसान पिछले 70 साल से अपनी जमीन पर काबिज हैं, उन्हें उनका हक मिलना चाहिए। स्थापना दिवस पर आपको ऐसा न्यायपूर्ण फैसला लेना चाहिए, जिससे इन किसानों के जीवन में विश्वास और उम्मीद वापस लौटे।”



