इंदौर: देवउठनी एकादशी के दिन शहर के केट रोड स्थित एक केमिकल गोदाम में दीपक जलाना दो महिला कर्मचारियों के लिए जानलेवा साबित हो गया। लैंप से लगी आग ने पूरे गोदाम को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे अंदर फंसी दो महिलाओं की दर्दनाक मौत हो गई। आग इतनी भीषण थी कि दमकल विभाग को इस पर काबू पाने में दो घंटे से ज्यादा का समय लग गया.
घटना उस वक्त हुई जब गोदाम में काम करने वाली कुछ महिलाएं देव उठनी ग्यारस के मौके पर दीपक जला रही थीं. इसी दौरान एक महिला की साड़ी में आग लग गई। आग तेजी से फैली और वह खुद को बचा नहीं सकी. उनके साथ मौजूद बच्चे किसी तरह बाहर भागे और आसपास के लोगों को आग लगने की जानकारी दी।
सीएम ने जताया दुख, सहायता राशि का किया ऐलान
हादसे को लेकर सीएम डॉ. मोहन यादव ने शोक व्यक्त किया है. मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का भी ऐलान किया गया है.
धुएं से दहशत फैल गई
गोदाम में बड़ी मात्रा में केमिकल और कच्चा माल रखा होने के कारण आग ने कुछ ही देर में विकराल रूप धारण कर लिया। शाम को जब लोगों ने गोदाम से धुएं का गुबार उठता देखा तो हड़कंप मच गया। तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। जब तक दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं, तब तक आग की लपटें आसमान छू रही थीं।
दमकलकर्मियों ने पांच टैंकर से ज्यादा पानी और फोम का इस्तेमाल कर आग बुझाने की कोशिश की. करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका।
गोदाम के अंदर जले हुए शव मिले
आग शांत होने के बाद जब फायर ब्रिगेड कर्मी गोदाम में दाखिल हुए तो वहां का नजारा दिल दहला देने वाला था। अंदर दो महिलाओं के शव जली हुई अवस्था में मिले। मृतकों की पहचान रामकली अहिरवार और ज्योति के रूप में हुई है। रामकली सागर की रहने वाली थी और कुछ महीने पहले ही यहां काम करने आई थी।
पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया है. शुरुआती जानकारी के मुताबिक, यह गोदाम भैया लाल मुकाती का है, जिसे उन्होंने कारोबारी सूरज वाधवानी को किराए पर दे रखा था. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और अगर किसी की लापरवाही सामने आती है तो उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा.
बाइट डीसीपी कृष्ण लाल चंदवानी
इंदौर से शकील अंसारी की रिपोर्ट



