बिहार में एनडीए की ऐतिहासिक जीत के बाद नई सरकार के गठन की प्रक्रिया अब निर्णायक दौर में पहुंच गई है. एनडीए की दोनों प्रमुख पार्टियां जेडीयू और बीजेपी आज अपने-अपने विधायक दल की बैठक करने जा रही हैं. इसके बाद विधानसभा के सेंट्रल हॉल में गठबंधन की संयुक्त बैठक होगी, जहां नीतीश कुमार को औपचारिक रूप से एनडीए विधायक दल का नेता चुना जाएगा.
यह नीतीश कुमार के लिए ऐतिहासिक क्षण होगा क्योंकि वह दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। उन्होंने 2000 में पहली बार सीएम पद की शपथ ली और इतने सालों में तमाम राजनीतिक उथल-पुथल के बावजूद उन्होंने बिहार की राजनीति में अपनी अहम भूमिका बरकरार रखी है.
पटना में बीजेपी और जेडीयू विधायक दल की बैठक हुई
6 और 11 नवंबर को दो चरणों में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने 243 में से 202 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है. इस ऐतिहासिक जीत के बाद अब सरकार गठन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और इसी क्रम में आज एनडीए की दोनों प्रमुख पार्टियां जनता दल (यूनाइटेड) और भारतीय जनता पार्टी अपने-अपने विधायक दल की बैठक करने जा रही हैं. बीजेपी की बैठक सुबह पटना स्थित प्रदेश मुख्यालय में होगी जिसमें केंद्रीय पर्यवेक्षक केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में विधायक दल का नेता चुना जाएगा. वहीं जेडीयू की बैठक श्रवण कुमार के आवास पर होगी.
एनडीए विधायक दल की संयुक्त बैठक में नीतीश कुमार को नेता चुना जाएगा
दोनों दलों की बैठक के बाद विधानसभा के सेंट्रल हॉल में एनडीए विधायक दल की संयुक्त बैठक होगी जिसमें नीतीश कुमार को औपचारिक तौर पर एनडीए विधायक दल का नेता चुना जाएगा. इसके तुरंत बाद नीतीश कुमार राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात करेंगे और सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. नीतीश कुमार भी राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप देंगे और इसके साथ ही मौजूदा विधानसभा भंग हो जायेगी.
नीतीश कुमार दसवीं बार बिहार के सीएम पद की शपथ लेकर इतिहास रचेंगे.
गुरुवार को बिहार की राजनीति एक ऐतिहासिक पल की ओर बढ़ रही है. नीतीश कुमार 20 नवंबर को पटना के गांधी मैदान में दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. यह अवसर भारतीय राजनीतिक इतिहास में एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगा। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि होंगे. इसके अलावा कई राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विभिन्न केंद्रीय मंत्री और एनडीए के वरिष्ठ नेता भी कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे.
भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में यह पहली बार होगा जब कोई नेता दस अलग-अलग कार्यकाल के लिए किसी राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगा। नीतीश कुमार ने पहली बार मार्च 2000 में सीएम पद की शपथ ली थी. हालांकि उस वक्त उनकी पारी सिर्फ सात दिनों की थी, लेकिन 2005 के बाद से वह लगातार बिहार की सत्ता के केंद्र में बने हुए हैं. इस बीच कई बार गठबंधन बदले, सरकारें गिरीं और बनीं, लेकिन हर बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नीतीश कुमार की ही वापसी हुई. अब एक बार फिर वह बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं और इसके साथ ही भारतीय राजनीति में एक नया कीर्तिमान भी स्थापित होने जा रहा है.



