छतरपुर: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में अवैध खनन के खिलाफ प्रशासन ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है. कलेक्टर पार्थ जयसवाल ने लंबे समय से चल रहे एक मामले में फैसला सुनाते हुए मेसर्स भाऊ स्टोन मिल पर 73 करोड़ 44 लाख रुपये का भारी जुर्माना लगाया है. स्वीकृत क्षेत्रफल से कहीं अधिक खनन करने के आरोप में यह कार्रवाई की गयी है.
यह मामला तीन साल से ज्यादा पुराना है, लेकिन कलेक्टर कोर्ट के इस फैसले से खनन माफियाओं में हड़कंप मच गया है. प्रशासन के इस सख्त कदम को अवैध खनन गतिविधियों को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है.
2021 में खदान की जांच की गई
मामले की शुरुआत 25 जनवरी 2021 को हुई, जब खनिज विभाग की टीम ने बदौराकला स्थित मेसर्स भाऊ स्टोन मिल की खदान का औचक निरीक्षण किया. जांच के दौरान पता चला कि कंपनी को जिस इलाके में खनन की इजाजत दी गई थी, उससे कहीं ज्यादा बड़े इलाके में खुदाई की गई है.
जांच रिपोर्ट के मुताबिक मौके पर करीब 2 लाख 4 हजार घन मीटर का अवैध उत्खनन पाया गया. इसके बाद खनिज विभाग ने कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज कर कलेक्टर कोर्ट में मामला पेश किया.
कोर्ट में लंबी सुनवाई
यह मामला काफी समय तक कलेक्टर न्यायालय में लंबित रहा। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और प्रस्तुत साक्ष्यों का परीक्षण करने के बाद कलेक्टर पार्थ जयसवाल ने कंपनी को अवैध खनन का दोषी पाया।
कोर्ट ने कंपनी द्वारा किए गए अवैध खनन की मात्रा और इससे हुए राजस्व नुकसान का आकलन किया और 73 करोड़ 44 लाख रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया. इस फैसले को जिले में अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए एक मिसाल माना जा रहा है.
छतरपुर से सौरभ शुक्ला की रिपोर्ट



