भोपाल. छत्तीसगढ़ क्रांति सेना प्रमुख अमित बघेल द्वारा भगवान झूलेलाल और अग्रसेन महाराज पर दिए गए अपमानजनक बयान पर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हंगामा मचा हुआ है. शनिवार को सिंधी और अग्रवाल समुदाय के लोगों ने जाग्रत हिंदू मंच के बैनर तले विरोध प्रदर्शन किया और पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन सौंपकर बघेल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.
यह पूरा विवाद अमित बघेल के उस बयान से शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति तोड़े जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, “पंडित दीनदयाल उपाध्याय, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, अग्रसेन महाराज की मूर्तियां क्यों नहीं तोड़ी जातीं? आप उनकी मूर्तियों पर पेशाब क्यों नहीं करते? अग्रसेन महाराज कौन हैं? क्या वह चोर हैं या झूठे हैं?” यह बयान सामने आते ही दोनों समुदायों में भारी गुस्सा फूट पड़ा.
अब सिर्फ निंदा नहीं, कानून पर हमला जरूरी है
इस मामले पर जाग्रत हिंदू मंच के संरक्षक डॉ. दुर्गेश केसवानी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अब सिर्फ निंदा से काम नहीं चलेगा, बल्कि कानूनी कार्रवाई की जरूरत है.
“अमित बघेल जैसे तत्व सोशल मीडिया पर नफरत फैलाकर हिंदू समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। अगर इस व्यक्ति के खिलाफ तत्काल एफआईआर और गिरफ्तारी नहीं हुई तो हिंदू समाज सड़कों पर उतरने के लिए तैयार है। जो भी हमारी आस्था पर हमला करेगा, उसे कानून के साथ-साथ समाज से भी जवाब मिलेगा।” — डॉ. दुर्गेश केसवानी
संगठन ने मांग की है कि बघेल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 299 के तहत गंभीर अपराध का मामला दर्ज किया जाए.
‘यह न सिर्फ समाज का बल्कि देश का भी अपमान है’
मंच के संयोजक सुनील कुमार जैन ने बघेल की टिप्पणी को भारत की राष्ट्रवादी सोच पर हमला बताया. उन्होंने कहा, “पंडित दीनदयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसी शख्सियतों का अपमान देश की आत्मा को ठेस पहुंचाने जैसा है. प्रशासन को इस बयान को गंभीरता से लेना चाहिए.”
वहीं, सह संयोजक सौरभ गंगारामानी ने कहा कि समाज शांति चाहता है, लेकिन अपने देवी-देवताओं और महापुरुषों का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने कहा, ”हमारी मांग है कि ऐसे तत्वों पर प्रतिबंध लगाया जाए ताकि भविष्य में कोई धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करने की हिम्मत न कर सके.”
ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधिमंडल में मंत्री योगेश मालानी, कोषाध्यक्ष अनिल मोटवानी, पीयूष वाधवानी, विनय भूरानी और भीष्म सोभानी सहित कई लोग शामिल थे।



