नौकरी, बिजनेस या अपने काम में सफलता पाने के लिए लोग भगवान से मन्नत मांगते हैं और जब उनका काम सफल हो जाता है तो लोग मन्नत पूरी भी करते हैं। पत्नी भी अपने पति के लिए कई ऐसे व्रत रखती है ताकि उसकी मनोकामना पूरी हो। वे मंदिरों में मन्नत मांगते हैं. इसी बीच ऐसी ही एक कहानी है प्रयागराज की विद्योत्तमा सिंह की जो अपने पति की नौकरी के लिए चित्रकूट के विशाल कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा कर रही हैं. आइए जानते हैं उनकी पूरी कहानी के बारे में…
कहते हैं कि अगर पत्नी ठान ले तो भगवान को भी उसके आगे झुकना पड़ता है। ठीक ऐसा ही देखने को मिला प्रयागराज की विद्योत्तमा सिंह के साथ। भगवान ने उनके विश्वास को डिगने नहीं दिया. प्रयागराज की विद्योत्तमा सिंह अपने पति के लिए चित्रकूट के विशाल कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा कर रही हैं। ये परिक्रमा वो चलते हुए नहीं बल्कि लेटकर कर रही हैं. 2019 में जब विद्योत्तमा ने भगवान से मन्नत मांगी थी और आज जब वह पूरी हो गई तो वह अपनी मन्नत पूरी करने के लिए परिक्रमा लगाने निकल पड़ी।
विद्योत्तमा सिंह ने अपने पति के लिए की गई प्रतिज्ञा का खुलासा करते हुए कहा कि उनकी शादी 2012 में श्याम नंदन सिंह पटेल से हुई थी। 2014 में, यानी सिर्फ दो साल बाद, उन्हें एक बच्चे का आशीर्वाद मिला। उनके पति एमए-बी.एड करने के बाद भी बेरोजगार थे और नौकरी की तलाश में उन्हें निराशा ही हाथ लग रही थी। ऐसे में घर का खर्च कैसे चलेगा? उनके पति सरकारी नौकरी की परीक्षाओं में कभी प्रथम तो कभी द्वितीय अंक से चूक जाते थे।
पति को सफलता नहीं मिलने पर विद्योत्तमा 2019 में चित्रकूट धाम पहुंची, जहां उन्होंने सच्चे मन से भगवान कामतानाथ के दर्शन किए और मन्नत मांगी कि अगर उनके पति को नौकरी मिल गई तो वह लेटकर कामदगिरि पर्वत की तीन बार परिक्रमा करेंगी। जिसके बाद भगवान कामतानाथ ने भक्त के विश्वास को डिगने नहीं दिया और विद्योत्तमा के पति 2021 में टीजीटी के माध्यम से शिक्षक बन गए। जिसके बाद विद्योत्तमा उनकी इच्छा पूरी करने के लिए निकल पड़ीं। आपको बता दें कि विद्योत्तमा पहले भी एक बार परिक्रमा कर चुकी हैं और अब वह दूसरी बार भगवान कामतानाथ जी के धाम की परिक्रमा करने के लिए चित्रकूट आई हैं.