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Monday, November 10, 2025
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हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला 2025 का भव्य उद्घाटन, गर्भगृह में एक साथ विराजमान हुए भगवान विष्णु और शिव। लोकजनता


पटना. विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला 2025 सोमवार को इसका भव्य उद्घाटन किया गया. उद्घाटनकर्ता सारण आयुक्त राजीव रोशनडीएम अमन समीर और डीआइजी नीलेश कुमार दीप जलाकर किया। उद्घाटन समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने लोगों का मन मोह लिया. यह मेला 10 दिसंबर तक चलेगा.

हरि और हर का संगम – गर्भगृह में एक साथ पूजा करें

उद्घाटन के दौरान आयुक्त ने कहा कि हरिहर क्षेत्र जहां की पवित्र भूमि है भगवान विष्णु (हरि) और भगवान शिव (हर) उसी गर्भगृह में बैठे हैं.
उसने कहा:

“यह मंदिर विनाश और संरक्षण दोनों शक्तियों का संगम है। यही कारण है कि सोनपुर मेला सदियों से आस्था, संस्कृति और सद्भाव का प्रतीक बना हुआ है।”

स्थानीय लोग इसे छत्तर मेला यह भी कहें.

गंगा-गंडक के संगम पर बसा सांस्कृतिक खजाना

हरिहर क्षेत्र गंगा और गंडक नदियों के संगम पर स्थित है। यह स्थान न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के लिए भी जाना जाता है।
समय के साथ मेला आधुनिक हो गया है, लेकिन अभी भी इसकी पारंपरिक आत्मा बरकरार है।

कोनहारा घाट की प्राचीन कहानी – गज और ग्राह का युद्ध

मेले से जुड़ी सबसे मशहूर कहानी गज-ग्राह युद्ध के बारे में है।
पौराणिक कथा के अनुसार:

  • भगवान विष्णु के द्वारपाल विजय और विजय श्रापित था.
  • एक जन्म में वे गाजा (हाथी) और ग्राहक (मगरमच्छ) बन गया।
  • कोनहारा घाट पर दोनों के बीच वर्षों तक युद्ध होता रहा।
  • हारकर गज ने भगवान विष्णु को पुकारा।
  • विष्णु ने सुदर्शन चक्र से ग्राह का वध किया और आंगन की रक्षा की।

बाद में इसी स्थान पर भगवान ब्रह्मा हुए शिव और विष्णु की प्रतिमा स्थापित जिसके बाद यह जगह हरिहर क्षेत्र बुलाया।

हस्तशिल्प एवं ग्रामीण कला का अनोखा संगम

सोनपुर मेला सिर्फ मवेशियों का बाजार नहीं बल्कि ग्रामीण कला और संस्कृति का महाकुंभ है।
मेला यहां लगता है:

  • गाय-भैंस-घोड़ा-हाथी के पारंपरिक बाज़ार
  • ग्रामीण हस्तशिल्प
  • घरेलू सामान
  • पारंपरिक कलाकृतियाँ

यह मेला बिहार की सांस्कृतिक विरासत का अद्भुत प्रदर्शन है।

देश-विदेश से पर्यटक पहुंचते हैं

सोनपुर मेला देखने के लिए देश-विदेश से पर्यटक आते हैं।
पर्यटन विभाग द्वारा:

  • आधुनिक कुटिया
  • पूर्णतः सुसज्जित आवास
  • आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम

मेला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत हो, इसके लिए व्यवस्था की गयी है.

रंगमंच की पुरानी पहचान और बदलाव की नई बयार

एक समय सोनपुर मेला था थिएटर यह प्रसिद्ध था, जहां कलाकार लोक कला प्रस्तुत कर आजीविका अर्जित करते थे।
समय के साथ सिनेमाघरों में अश्लील सामग्री दिखाई देने लगी और प्रशासन ने इसे बंद करवा दिया।
अब मेला फिर से अपनी पारंपरिक छवि की ओर लौट रहा है।

मेला बना आकर्षण का केंद्र

भीड़ को आकर्षित करने के लिए मेले में कई आधुनिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जा रहे हैं:

  • मन उत्सव
  • प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता
  • क्रॉसवर्ड
  • प्रेरक वार्ता
  • घुड़दौड़
  • कुत्तो कि प्रदर्शनी
  • नौका दौड़

मोबाइल और डिजिटल मनोरंजन के बावजूद सोनपुर मेला आज भी लाखों लोगों के आकर्षण का केंद्र है।


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