पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पहले चरण के मतदान के बाद 121 सीटों पर उम्मीदवारों की किस्मत… ईवीएम और वीवीपैट मशीनों में सील यह किया जाता है। 6 नवंबर को जैसे ही वोटिंग खत्म होगी 18 जिले सभी मशीनों को कड़ी सुरक्षा के बीच स्ट्रांग रूम में बंद कर दिया गया। चुनाव आयोग का दावा है कि सुरक्षा व्यवस्था इतनी मजबूत है “परिंदा भी पर नहीं मार सकता।” अब 14 नवंबर को मतगणना के समय ही मशीनें निकाली जाएंगी।
मशीनें कहां से आईं?
मुख्य निर्वाचन अधिकारी के मुताबिक पहले चरण में जिन जिलों में मतदान हुआ-
मधेपुरा,सहरसा,दरभंगा,मुजफ्फरपुर,गोपालगंज,सीवान,सारण,वैशाली,समस्तीपुर,बेगूसराय,खगड़िया,मुंगेर,लखीसराय,शेखपुरा,नालंदा,पटना,भोजपुर और बक्सर—
इन सभी जिलों का कुल योग 45,341 बूथ ईवीएम-वीवीपैट को स्ट्रांग रूम में भेजा गया.
सभी मशीनें उम्मीदवारों, मतदान एजेंटों और केंद्रीय पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में संचालित की जाएंगी। वीडियोग्राफी करते समय डबल लॉक सिस्टम में रखा गया.
त्रिस्तरीय सुरक्षा: कैसे होती है निगरानी?
स्ट्रांग रूम की सुरक्षा के लिए चुनाव आयोग 3-स्तरीय सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू किया है-
- आंतरिक सुरक्षा: सीआरपीएफ/बीएसएफ जैसे केंद्रीय अर्धसैनिक बल
- बाहरी सुरक्षा: जिला पुलिस
- सतत निगरानी: परिसर में 24×7 सीसीटीवी से निगरानी
इसके अलावा आरपीएफ और प्रशासनिक टीमें भी लगातार परिधि की जांच करती रहती हैं।
राजद ने उठाए सवाल- ‘जब तक स्ट्रांग रूम में ताला नहीं लग जाता, तब तक कड़ी निगरानी जरूरी’
राजद ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से पोस्ट किया कि-
“जब तक ईवीएम पूरी तरह से स्ट्रांग रूम में बंद नहीं हो जाती, तब तक निगरानी बहुत जरूरी है।”
हालांकि, आयोग का कहना है कि मतदान समाप्त होने के बाद सुरक्षा और निगरानी के सभी मानक पूरे कर लिए गए।
ख़राब ईवीएम का भी सुरक्षित भंडारण
ECI ने बताया कि-
- मॉक पोल के दौरान मशीनें खराब मिलीं
- और चुनाव में आरक्षित मशीनों का उपयोग नहीं किया गया
इन सभी को भी निर्धारित स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रखा गया है.
अभ्यर्थियों को लिखित रूप से सूचित कर दिया गया है कि वे स्ट्रांग रूम के बाहर से निगरानी कर सकते हैं, लेकिन सुरक्षा परिधि में प्रवेश की अनुमति नहीं है।
सभी उम्मीदवारों के लिए सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध है
पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए स्ट्रांग रूम की 24 घंटे सीसीटीवी रिकॉर्डिंग उम्मीदवारों और पार्टी प्रतिनिधियों के लिए उपलब्ध है कर दी गई।
गिनती के दिन 14 नवंबर को-
- स्ट्रांग रूम खोला जाएगा
- पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी होगी
- प्रत्येक चरण का पालन अभ्यर्थियों की उपस्थिति में किया जाएगा
चुनाव आयोग का दावा- प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष
चुनाव आयोग का कहना है कि कड़ी सुरक्षा और पारदर्शिता के कारण
किसी भी राजनीतिक दबाव, अवैध हस्तक्षेप या ईवीएम से छेड़छाड़ की कोई गुंजाइश नहीं है. है।
प्रत्याशियों और प्रतिनिधियों को नियमानुसार निगरानी की पूरी सुविधा भी दी गयी है.
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