सतामढ़ी: जिले में मिड डे मील (एमडीएम) योजना के तहत बड़ा घोटाला उजागर हुआ है. दो प्रखंडों के तीन सरकारी विद्यालयों में प्रधान शिक्षकों द्वारा बच्चों की फर्जी उपस्थिति दर्ज कर राशन व नकदी निकालने का मामला पकड़ा गया है. प्रारंभिक जांच में कुल पांच लाख रुपये से अधिक की राशि का गबन सामने आ गया है.
जांच के बाद शिक्षा विभाग ने दोषियों को स्पष्ट चेतावनी दी है- राशि तुरंत सरकारी खाते में जमा करें, अन्यथा वेतन से सीधे वसूली की जायेगी.
निरीक्षण में धोखाधड़ी के तीन बड़े मामले सामने आये
1. मध्य विद्यालय, बाड़ा दक्षिण (परिहार प्रखंड)
- उपस्थिति- 162 बच्चे
- उपस्थित- केवल 10 बच्चे
- गबन की गई राशि: ₹1,18,090
2. मध्य विद्यालय परसा महिन्द (सोनबरसा प्रखण्ड)
- उपस्थिति पंजी- 290
- उपस्थिति- 169
- उपस्थित- केवल 34 बच्चे
- राशन स्टॉक में भी भारी कमी पाई गई।
- गबन की गई राशि: ₹1,04,538
3. कन्हौली कन्या (सोनबरसा ब्लॉक)
- बच्चों की उपस्थिति बढ़ाकर राशन व नकदी की निकासी
- जुर्माना: ₹2,78,447
विद्यालय अभिलेख, पोषाहार पंजी व उपस्थिति पंजी में भारी अनियमितता पायी गयी. कई रजिस्टर मौके पर उपलब्ध नहीं थे।
दोषियों से पूरी रकम वसूली, कार्रवाई तय
जिले का एमडीएम डीपीओ ने निर्देश जारी किये हैं कि:
- पूरी राशि का गबन किया गया तुरंत सरकारी खाते में जमा कराया जाए
- यदि नहीं किया गया वेतन से जबरन वसूली किया जायेगा
- आवश्यक अभिलेख उपलब्ध न कराने वालों पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई क्या होगा
शिक्षा विभाग ने साफ कहा कि एमडीएम में घोटाला पहले भी उजागर हो चुका है, लेकिन इस बार वह सख्त रुख अपना रहा है. पैनल जांच, निलंबन और समाप्ति तक की कार्रवाई संभव है.
आगे क्या होगा?
तीनों प्रधानाध्यापकों को एक आखिरी मौका दिया गया है-
या तो राशि जमा करें, या वेतन से कटौती के लिए तैयार रहें।
भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए भी:
- विद्यालयों का नियमित सत्यापन हो
- औचक निरीक्षण
- एमडीएम आपूर्ति और उपस्थिति प्रणाली की डिजिटल निगरानी
और अधिक सख्त बनाया जाएगा.
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