पटना
बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की प्रचंड जीत के बाद महागठबंधन पूरी तरह से बैकफुट पर है। राजद की करारी हार के बाद लालू परिवार में शुरू हुई कलह अब सोशल मीडिया और राजनीतिक मंचों पर खुलकर नजर आने लगी है. लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य वहीं आरोपों ने परिवार में अंदरूनी दरार को सार्वजनिक कर दिया है, अब ये विवाद है बीजेपी के दिग्गज नेता भी कूद पड़े हैं।।
रोहिणी की पीड़ा और राजद की परिवारवाद की राजनीति को लेकर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे, अमित मालवीय और मनोज तिवारी ने तीखे बयान जारी किये.
निशिकांत दुबे का तंज- ”औरंगजेब और तेजस्वी में क्या समानता?”
राजद में बढ़ते विवाद पर बीजेपी सांसद… निशिकांत दुबे उन्होंने एक पोस्ट करते हुए कहा-
“औरंगज़ेब और तेजस्वी यादव में क्या समानता है?”
उनके इस बयान को तेजस्वी पर परोक्ष हमले और पारिवारिक सत्ता संघर्ष से जोड़कर देखा जा रहा है.
मालवीय का हमला- ‘रोहिणी ने जान जोखिम में डालकर दान की किडनी, बदले में मिला अपमान’
बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय उन्होंने रोहिणी के पक्ष में बयान देते हुए लालू परिवार पर गंभीर आरोप भी लगाए. उन्होने लिखा है-
“अपनी जान की परवाह किए बिना रोहिणी आचार्य ने अपने पिता को किडनी दान की ताकि उनका जीवन कुछ और वर्षों तक बढ़ सके। लेकिन लालू ने अपनी बेटी के सम्मान से अधिक महत्व अपने बेटे तेजस्वी को दिया। अब वही रोहिणी सार्वजनिक रूप से कह रही है कि उसे घर में चप्पलों से पीटा जाता है। यह इस परिवार की पितृसत्तात्मक और महिला विरोधी मानसिकता का असली चेहरा है।”
मालवीय ने कहा कि ऐसे परिवार से महिलाओं के सम्मान की उम्मीद करना गलत है.
मनोज तिवारी ने कहा, ”जो लोग बिहार को चलाने का सपना देख रहे थे, वे अपना घर भी नहीं संभाल सके.”
रोहिणी के राजनीति से दूर रहने और परिवार से नाता तोड़ने के फैसले पर बीजेपी सांसद… मनोज तिवारी कहा-
“जिन्होंने पूरे बिहार को चलाने का सपना देखा था, वे अपना परिवार भी नहीं चला सके। रोहिणी का दर्द बताता है कि जब उन्होंने घर में सवाल पूछा, तो उन्हें बाहर निकाल दिया गया और पीटा गया। यह मानसिकता बिहार के उसी जंगलराज की याद दिलाती है, जिससे लोग आजादी चाहते थे।”
चिराग पासवान ने जताई चिंता- ‘लालू परिवार को हमेशा अपना परिवार माना’
एलजेपी (रामविलास) प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान इस विवाद पर संतुलित प्रतिक्रिया दी. उसने कहा-
“मेरे और लालू यादव जी के बीच राजनीतिक मतभेद जरूर हैं, लेकिन मैंने उनके परिवार को हमेशा अपना परिवार माना है। मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा, बस इतना कहूंगा कि यह विवाद जल्द सुलझ जाना चाहिए। घर की एकता ही व्यक्ति को बाहरी चुनौतियों से लड़ने की ताकत देती है।”
जेडीयू रोहिणी के समर्थन में नीरज कुमार बोले- ‘यह घोर अन्याय है’
राजद की प्रतिद्वंद्वी पार्टी जदयू रोहिणी के पक्ष में भी बयान आये हैं. पार्टी प्रवक्ता -नीरज कुमार कहा-
“यह घोर अन्याय है। जिस घर में बेटी के आंसू बहते हों, उस घर में मंगल कैसे हो सकता है? रोहिणी ने साफ कहा कि जब उसने सवाल पूछा तो उसे चप्पल से मारने की कोशिश की गई। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।”
नीरज कुमार ने भी लालू पर साधा निशाना-
“लालू यादव को धृतराष्ट्र नहीं बनना चाहिए। वे किस बात से आंखें मूंदे हुए हैं? अगर कोई समस्या है तो जिला प्रशासन से शिकायत करें, कार्रवाई तय है।”
बढ़ते विवाद के बाद बिहार की राजनीति में नई हलचल
रोहिणी आचार्य के आरोपों के बाद राजद की राजनीति में भूचाल आ गया है. पार्टी की हार के बाद युवा नेतृत्व पर सवाल उठ रहे हैं. वहीं, बीजेपी और जेडीयू इस मुद्दे को राजद की ‘परिवारवाद की राजनीति’ से जोड़कर भुनाने की कोशिश कर रही है.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस खुली कलह से न सिर्फ राजद को संगठनात्मक नुकसान होगा बल्कि जनता के बीच भी गलत संदेश जायेगा.
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