पटना
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राजद की करारी हार के बाद अब सीधे तौर पर पार्टी के अंदर ही विवाद शुरू हो गया है लालू प्रसाद यादव का परिवार पहुंचा जा चुका है। रोहिणी आचार्य के राजनीति और परिवार से नाता तोड़ने के ठीक 24 घंटे बाद ही लालू यादव की तीन और बेटियां… रागिनी, चंदा और राजलक्ष्मी यादव वह भी अचानक अपने बच्चों के साथ पटना स्थित राबड़ी आवास छोड़कर दिल्ली चली गईं.
इस घटनाक्रम से लालू परिवार के भीतर बढ़ता तनाव और गहरा गया है, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है.
रोहिणी आचार्य के गंभीर आरोपों से शुरू हुआ विवाद
रविवार को रोहिणी आचार्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दो इमोशनल पोस्ट कर पूरे परिवार और पार्टी को चौंका दिया. उन्होंने अपने पोस्ट में कहा कि-
“मेरे साथ दुर्व्यवहार किया गया…मुझे चप्पलों से मारने की कोशिश की गई…
“मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंची… और मुझे अपना मायका छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।”
रोहिणी ने यह भी लिखा कि उसे अपने माता-पिता और बहनों को छोड़कर रोते हुए दिल्ली लौटना पड़ा।
उनके इस बयान ने लालू परिवार में चल रही कलह को सार्वजनिक कर दिया.
रागिनी, चंदा और राजलक्ष्मी का पटना छोड़ना-बड़ा संकेत
रोहिणी के आरोप सामने आने के कुछ ही घंटों बाद लालू यादव की तीन और बेटियां-
- रागिनी यादव
- चंदा यादव
- राजलक्ष्मी यादव
अपने बच्चों के साथ राबड़ी आवास भी छोड़ दिया दिल्ली गया।।
पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक इस कदम से साफ संकेत मिल गया है कि लालू परिवार के भीतर सबकुछ सामान्य नहीं है.
कहा जा रहा है कि घर में तनावपूर्ण माहौल के कारण बहनों ने भी पटना छोड़ने का फैसला किया।
चिराग पासवान का भावुक रिएक्शन- ‘ये है परिवार का दर्द’
केंद्रीय मंत्री और एलजेपी (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा-
“राजनीतिक मतभेद अपनी जगह हैं, लेकिन मैंने हमेशा लालू जी के परिवार को अपना परिवार माना है।
यह स्थिति अत्यंत दुखद है. बस प्रार्थना करें कि विवाद जल्द सुलझ जाए।”
चिराग को खुद अपने राजनीतिक करियर में पारिवारिक विवादों का सामना करना पड़ा है, इसलिए उन्होंने रोहिणी के दर्द पर सहानुभूति जताई है.
बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने भी चिंता जताई
बीजेपी के वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा-
“यह पूरी तरह से पारिवारिक मामला है, लेकिन जो बातें सामने आ रही हैं वह काफी चिंताजनक हैं।
पहले तेज प्रताप हुए अलग, अब आई रोहिणी की बारी. ये भी राजद के लिए बड़ा संकेत है.”
उन्होंने पारिवारिक एकता बनाए रखने की अपील की।
चुनावी हार से परिवार और पार्टी दोनों में दबाव-संकट बढ़ता है
इस चुनाव में राजद को उम्मीद से काफी कम सीटें मिलीं.
पार्टी 25 सीटों पर सिमट गई, जिससे तेजस्वी यादव और पूरे लालू परिवार पर भारी दबाव आ गया.
राजनीतिक विशेषज्ञ कहते हैं-
- हार का ठीकरा तेजस्वी की रणनीति और उनके सलाहकारों पर फोड़ा जा रहा है.
- परिवार में अनबन काफी समय से चल रही थी
- रोहिणी का खुलकर सामने आना एक “पारिवारिक विस्फोट” जैसा है.
अब बहनों का पटना छोड़कर जाना बताता है कि मामला सिर्फ रोहिणी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि परिवार का एक बड़ा हिस्सा इससे प्रभावित है.
क्या लालू परिवार में और गहरी होगी दरार?
राजद के आंतरिक संकट पर नजर रखने वाले विश्लेषकों का मानना है कि-
- इस विवाद से पार्टी की छवि पर गंभीर असर पड़ेगा.
- तेजस्वी यादव के नेतृत्व को सीधी चुनौती मिलेगी
- पार्टी कैडर में असमंजस बढ़ता जा रहा है
- परिवार में तीन गुट बन गए हैं- तेजस्वी, तेज प्रताप और अब रोहिणी.
भारतीय राजनीति में लालू परिवार एक बड़ा प्रतीक रहा है, ऐसे में इस तरह की उथल-पुथल राजद की भविष्य की राजनीति पर बड़ा असर डाल सकती है.
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