पटना, 17 नवंबर 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में राजद के बेहद खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी के अंदर नाराजगी और अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है. सोमवार की देर शाम राजद कार्यकर्ताओं ने राबड़ी आवास के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. जो कार्यकर्ता राज्यसभा सांसद और तेजस्वी यादव के करीबी माने जाते हैं. संजय यादव के खिलाफ की नारेबाजी और उन्हें चुनाव में हार के लिए जिम्मेदार ठहराया.
संजय यादव मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा
चुनाव नतीजे आने के बाद से ही पार्टी कार्यकर्ताओं का एक वर्ग संजय यादव को हार का मुख्य कारण बता रहा है. सोमवार को यह आक्रोश चरम पर पहुंच गया.
राबड़ी आवास के बाहर जुटे कार्यकर्ता:
- “संजय यादव मुर्दाबाद”
- “संजय यादव को हरियाणा भेजो”
जैसे नारे लगाए.
कई कार्यकर्ताओं का आरोप है कि संजय यादव की रणनीति और फैसलों से पार्टी को नुकसान हुआ. उन्होंने कहा कि पार्टी का नेतृत्व गलत हाथों में था, जिसके कारण राजद दयनीय स्थिति में पहुंच गयी.
लालू परिवार पर भी उठे सवाल, कार्यकर्ताओं ने जताई नाराजगी
कार्यकर्ताओं ने यह भी कहा कि संजय यादव को लालू परिवार से मिली ताकत के कारण कोई भी कार्यकर्ता खुलकर अपनी बात नहीं रख पा रहा है.
कुछ कार्यकर्ताओं ने यह भी दावा किया कि-
- संजय यादव का चुनाव टिकट वितरण में अत्यधिक हस्तक्षेप था
- ग्राउंड रिपोर्ट को नजरअंदाज किया गया
- संगठन की बात नहीं सुनी गई
कुछ देर के लिए राबड़ी आवास पर स्थिति तनावपूर्ण हो गयी. सुरक्षाकर्मियों को भीड़ को नियंत्रित करना पड़ा.
हंगामे के बीच लालू यादव विशेष रथ से मरीन ड्राइव से निकले.
जब राबड़ी आवास के बाहर संजय यादव के खिलाफ हंगामा चल रहा था, उसी वक्त एक अलग ही नजारा देखने को मिला.
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अपने विशेष रथ पर (अनुकूलित वाहन)पटना के लिए मरीन ड्राइव बाहर घूमने निकला था.
यह वही मरीन ड्राइव है, जिसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जाता है. लालू के बाहर निकलने की ये टाइमिंग कार्यकर्ताओं के बीच चर्चा का विषय बन गई. कई लोग इसे मौजूदा परिस्थितियों पर लालू की नाराजगी या बेचैनी के तौर पर भी देख रहे हैं.
राजद में बढ़ती कलह: हार के बाद बढ़ रहा असंतोष
चुनाव में हार के बाद से-
- संगठन में असंतोष
- रणनीति पर सवाल
- नेतृत्व शैली की आलोचना
किसानों से लेकर वरिष्ठ कार्यकर्ताओं तक ऐसी बातें देखने को मिल रही हैं.
संजय यादव के खिलाफ नाराजगी सबसे ज्यादा है और पार्टी में लगातार उथल-पुथल की स्थिति बनी हुई है.
अब आगे क्या?
राबड़ी आवास पर हुई इस घटना के बाद पार्टी एक बार फिर बैकफुट पर है.
आंतरिक मतभेद और कार्यकर्ताओं की नाराजगी को देखते हुए राजद नेतृत्व के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है-
- क्या बदल जाएगी संजय यादव की भूमिका?
- क्या संगठन में बदलाव के लिए कदम उठाएंगे तेजस्वी?
- क्या ये नाराजगी पार्टी को और नुकसान पहुंचाएगी?
फिलहाल इस पर पार्टी नेताओं की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
राबड़ी आवास के बाहर यह हंगामा इस बात का संकेत है कि चुनावी हार के बाद राजद में अंदरूनी राजनीति खुलकर सामने आ गई है और आने वाले दिनों में और बड़े बदलाव की संभावना भी दिख रही है.
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