पटना, 18 नवंबर 2025:
बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. बिहार विधानसभा चुनाव में राजद की करारी हार के बाद पार्टी के अंदर असंतोष खुलकर सामने आ रहा है. सोमवार की देर शाम पटना स्थित मो दर्जनों राजद कार्यकर्ताओं ने राबड़ी आवास के बाहर जमकर हंगामा किया किया और राज्यसभा सांसद और तेजस्वी यादव के करीबी हैं संजय यादव के खिलाफ की नारेबाजी का।
संजय यादव मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा
चुनाव परिणाम के बाद से ही राजद कार्यकर्ताओं में आक्रोश उबल रहा है. सोमवार को ये गुस्सा राबड़ी आवास के बाहर फूटा.
कार्यकर्ता लगातार नारे लगा रहे थे-
- “संजय यादव मुर्दाबाद!”
- “संजय यादव को हरियाणा भेजो!”
कार्यकर्ताओं का आरोप है कि गलत रणनीति, टिकट वितरण में हस्तक्षेप और जमीनी हकीकत की अनदेखी के कारण चुनाव में राजद को भारी नुकसान हुआ।
हार के लिए तेजस्वी के सलाहकार संजय यादव को ठहराया जिम्मेदार
कार्यकर्ताओं ने साफ तौर पर कहा कि पार्टी की बिगड़ती हालत और चुनावी विफलता का मुख्य कारण संजय यादव हैं.
कई कार्यकर्ताओं ने कहा कि-
- संजय यादव के कहने पर गलत फैसले लिये गये
- टिकट वितरण में जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई
- अभियान में गलत प्राथमिकताएं तय की गईं
इन सबके चलते राजद उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाई और पार्टी का वोट बैंक भी कमजोर हुआ.
रोहिणी आचार्य के साथ हुए दुर्व्यवहार पर भी गुस्सा बढ़ गया.
कार्यकर्ताओं का गुस्सा सिर्फ चुनावी मुद्दों तक ही सीमित नहीं रहा.
कुछ दिन पहले लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के साथ दुर्व्यवहार कार्यकर्ताओं ने भी इस मुद्दे को जोरदार ढंग से उठाया।
इस घटना से कार्यकर्ताओं में गुस्सा और बढ़ गया और वे पार्टी की अंदरूनी स्थिति से बेहद नाराज दिखे.
हंगामे के बीच लालू यादव का ठंडा रुख, विशेष रथ से मरीन ड्राइव के लिए हुए रवाना
जब राबड़ी आवास पर लगातार नारेबाजी और हंगामा बढ़ता जा रहा था तो राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अपनी विशेष गाड़ी में से मरीन ड्राइव के लिए निकल पड़े.
भीड़ की बात सुने बिना लालू आगे बढ़ गए. उनके इस रवैये से कार्यकर्ताओं में और असंतोष फैल गया.
लोग कह रहे थे-
- “हमारी बात सुनना तो दूर, लालू जी रुककर देखने को भी तैयार नहीं हैं!”
लालू का यह कदम राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है.
पार्टी में बगावत के संकेत, नेतृत्व पर उठ रहे सवाल
चुनाव नतीजों के बाद राजद में-
- असंतोष
- दलबंदी
- नेतृत्व पर सवाल
- रणनीतिक टीम पर आरोप
इस तरह की स्थितियां लगातार सामने आ रही हैं.
तेजस्वी यादव को विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद जहां पार्टी को एकजुट रखने की कोशिश की जा रही है, वहीं राबड़ी आवास पर हुआ यह हंगामा बताता है कि अंदरूनी कलह अभी कम नहीं हुई है.
आने वाले दिनों में राजद के लिए बड़ी चुनौती
अब राजद के सामने-
- नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने के लिए
- संजय यादव के भविष्य को लेकर ले रहे निर्णय
- और पार्टी संगठन को फिर से मजबूत करना है
इतनी बड़ी चुनौतियां खड़ी हो गई हैं.
सोमवार को राबड़ी आवास के बाहर हुआ यह हंगामा साफ संकेत है कि चुनाव में हार के बाद राजद में अंदरूनी तूफान गहराता जा रहा है और आने वाले समय में पार्टी में बड़े फैसले और बदलाव देखने को मिल सकते हैं.
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