पटना मोकामा में हुआ चर्चित दुलारचंद यादव हत्याकांड अब जांचें उच्च गति इसे पकड़ लिया है. बिहार पुलिस मुख्यालय ने हाई-प्रोफाइल मामले जांच करने की जिम्मेदारी अपराध जांच विभाग (सीआईडी) को सौंप दिया गया है. मामले की कमान सीआईडी के डीआइजी जयंत कांत को दे दी गई है, जिन्होंने स्वयं घटनास्थल का दौरा किया निरीक्षण शुरू हो गया है।।
सीआईडी के दाखिल होते ही कई जांच टीमें मोकामा का बसावनचक इलाका मैं उसी जगह पहुंच गया जहां दुलारचंद यादव की हत्या हुई थी। एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लैब) टीम, विशेषज्ञों के साथ घटना स्थल की गहनता से जांच की का और कई अहम सबूत एकत्र कर लिया है. सूत्रों के मुताबिक, जांच टीम को घटनास्थल और आसपास के इलाकों से कई चौंकाने वाले सुराग मिले. से मुलाकात हुई है, जो अब मामले की दिशा पूरी तरह से बदल सकती है.
फोरेंसिक टीम को अहम सुराग मिले हैं
जांचकर्ताओं ने हमले में क्षतिग्रस्त वाहनों की तलाश की। फोरेंसिक जांच का। वाहनों द्वारा क्षति के पैटर्न, पत्थर के निशान और अन्य भौतिक साक्ष्य एकत्र कर लिया गया है. इन सबूतों के आधार पर मर्डर टीम ने घटनाएँ और हमलावरों की रणनीति समझने की कोशिश करो।
रेलवे ट्रैक के पत्थरों ने बढ़ाया जांच का रहस्य!
सबसे चौंकाने वाली बात जो सामने आई है वो ये है घटनास्थल पर रेलवे ट्रैक पर भारी और नुकीले पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है मिला है। सीआईडी अधिकारियों के मुताबिक, मोकामा टाल इलाके में आमतौर पर ऐसे पत्थर नहीं मिलते हैं.जिससे इस बात का शक और गहरा हो गया है पूर्व नियोजित और संगठित हमला था।
सीआईडी ने इन पत्थरों को जब्त कर लिया नमूना जब्त कर लिया गया और प्रयोगशाला में परीक्षण किया गया मंगवा लिया है.
स्थानीय लोगों से पूछताछ, मोबाइल लोकेशन की जांच शुरू हुई
टीम ने क्षेत्र का दौरा किया स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों से गहन पूछताछ के बारे में है। इसके साथ ही मोबाइल स्थान डेटा और कॉल रिकॉर्ड जांच इसलिए भी की जा रही है ताकि घटना के वक्त मौजूद सभी संदिग्धों की गतिविधियों का पता लगाया जा सके.
जांच अधिकारी का कहना है कि-
“कुछ सबूत बेहद अहम हैं. इनके आधार पर अगले कुछ दिनों में ये मामला किस दिशा में जाएगा ये साफ हो जाएगा.”
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