पश्चिमी चंपारण: जन सुराज पार्टी के संस्थापक एवं प्रसिद्ध चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर गुरुवार को पश्चिम चंपारण में स्थित मो भितिहरवा गांधी आश्रम मैंने एक दिन का मौन व्रत रखने का संकल्प लिया. अनशन शुरू करने से पहले वह आश्रम परिसर में मौजूद थे. महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि मैंने उनको प्रणाम किया.
प्रशांत किशोर के साथ-
- जन सुराज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती,
- कई वरिष्ठ नेता,
- और दर्जनों कार्यकर्ता
मौन व्रत में भी शामिल हुए।
जन सुराज प्रदेश अध्यक्ष का बयान: “3 साल पहले शुरू किए गए प्रयास सफल नहीं हुए”
जन सुराज के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती प्रशांत किशोर के मौन व्रत पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी ने तीन साल पहले ही बिहार के लिए बड़े बदलाव की यात्रा शुरू कर दी थी. परन्तु वे प्रयास पूर्णतः सफल नहीं हो सके।
मनोज भारती ने कहा-
“तीन साल पहले शुरू किए गए हमारे प्रयास सफल नहीं हुए। इसलिए, आज हम उसी प्रयास को नई ऊर्जा और संकल्प के साथ फिर से शुरू करने और जनता के बीच जाकर सच बताने का संकल्प लेकर बैठे हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि अब जन सुराज विपक्ष की सशक्त भूमिका प्रदर्शन करने के लिए तैयार है ताकि-
- जनता की आवाज उठाई जा सकती है
- लोगों के कल्याण के लिए काम किया जा सकता है
- और सुनिश्चित करें कि उनके हितों की रक्षा की जाए
गांधी आश्रम का प्रतीकात्मक महत्व
भितिहरवा गांधी आश्रम वह ऐतिहासिक स्थान है जहां महात्मा गांधी ने चंपारण सत्याग्रह के दौरान काम किया था। इसी स्थान पर मौन व्रत रखने का फैसला प्रशांत किशोर के लिए प्रतीकात्मक माना जा रहा है –
यह उनके आंदोलन को गांधीवादी सिद्धांतों से जोड़ने का संकेत देता है.
जन सुराज की आगे की रणनीति
जानकारों का मानना है कि बिहार की राजनीति में लगातार सक्रिय रहने वाले प्रशांत किशोर अपनी यात्रा के दूसरे चरण, जनसंवाद और संगठन निर्माण की तैयारी में हैं.
पार्टी का लक्ष्य-
- जनता की समस्याओं को सीधे सुनना,
- राजनीतिक विकल्प तैयार करना,
- और आने वाली राजनीतिक परिस्थितियों में प्रभावी भूमिका निभा सकें
है।
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