पश्चिमी चंपारण, 10 नवंबर. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में दूसरे चरण के मतदान से ठीक पहले जन सुराज अभियान के संस्थापक प्रशांत किशोर (पीके) पश्चिमी चंपारण के भितिहरवा गांधी आश्रम पहुंचे.
उन्होंने कहा कि तीन साल पहले उन्होंने बिहार में बदलाव लाने का संकल्प लेकर इस पवित्र धरती से अपनी यात्रा शुरू की थी और आज इस अभियान का एक महत्वपूर्ण चरण पूरा कर वे फिर यहां आये हैं.
“चम्पारण की धरती से इतिहास बना, 14 तारीख को जन सुराज भी नया इतिहास रचेगा” – पीके
भितिहरवा आश्रम में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पीके ने कहा.
“महात्मा गांधी ने चंपारण की इसी धरती से आजादी का नया सूत्र दिया था। उसी तरह जन सुराज अभियान भी यहीं से शुरू होगा और 14 नवंबर को एक नया इतिहास रचेगा।”
उन्होंने कहा कि चंपारण की धरती हमेशा बदलाव की प्रेरणा देती है और यही कारण है कि वह चुनाव के निर्णायक मोड़ पर दोबारा यहां पहुंचे हैं.
दूसरे चरण से पहले PK का दावा- ‘आजादी के बाद इस बार पड़े सबसे ज्यादा वोट’
बिहार में बढ़ती वोटिंग को लेकर प्रशांत किशोर ने दिया बड़ा बयान.
उसने कहा:
“आजादी के बाद इस बार बिहार में सबसे ज्यादा वोट पड़े हैं. जनता ने बदलाव और नई व्यवस्था के लिए वोट किया है.”
उनका कहना है कि लोग वोट देने निकले क्योंकि वे चाहते थे:
- बिहार में नई व्यवस्था बननी चाहिए
- बच्चों के लिए पलायन नहीं करना पड़ेगा
- राज्य में सम्मानजनक शिक्षा, नौकरी और व्यवस्था स्थापित हो
पीके ने इस बात पर जोर दिया कि इस बार जनता सिर्फ चुनाव नहीं लड़ रही है उसका भविष्य चुनना।।
“14 नवंबर निर्णायक दिन होगा” – पीके
पीके ने दावा किया कि 14 नवंबर को वोटों की गिनती बिहार में नई दिशा तय करेगी.
उन्होंने कहा कि जन सुराज अभियान का उद्देश्य सिर्फ चुनाव जीतना नहीं है एक वैकल्पिक और मजबूत व्यवस्था देना होगा.
चुनाव के आखिरी दौर में प्रशांत किशोर का चंपारण दौरा राजनीतिक चर्चा का नया केंद्र बन गया है.
अब राज्य की सबकी निगाहें 14 नवंबर को होने वाली मतगणना पर हैं, जहां यह साफ हो जाएगा कि पीके के बदलाव के संदेश का कितना असर हुआ है.
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