भागलपुर से विधानसभा की ये तस्वीर पूरे बिहार की राजनीति में चर्चा का विषय बन गई है. जिले के 7 विधायकों में से अकेले पीरपैंती से मुरारी पासवान जीते ऐसे भी नेता हैं जिनके पास न तो बाइक है, न स्कूटर और न ही कार।
बचे 6 विधायक? करोड़ों की संपत्ति और फॉर्च्यूनर-इनोवा जैसी महंगी कारें!
सादगी बनाम रुतबा…ये है भागलपुर की सियासी कहानी.
पीरपैंती विधायक मुरारी पासवान इस बार इसलिए सुर्खियों में नहीं हैं कि उन्होंने जीत हासिल की है, बल्कि इसलिए चर्चा में हैं क्योंकि वे दूसरों से अलग हैं.
- न बाइक, न स्कूटर, न कार
- कुल संपत्ति-6.55 लाख रुपये
- पेशा-श्रम
- पत्नी-जीविका दीदी
- घर-जमीन-बहुत सीमित
- आभूषण- पत्नी के कुछ ग्राम सोना
जब दूसरे विधायक करोड़ों में खेल रहे हैं तो मुरारी पासवान की ये सादगी राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है.
भागलपुर जिले के बाकी विधायकों की आर्थिक और जीवनशैली की रूपरेखा बिल्कुल अलग है.
आइये एक-एक करके देखते हैं-
1. गोपालपुर – बुलो मंडल
- आय: खेती + पेंशन
- वाहन: फॉर्च्यूनर
- संपत्ति: करोड़ों
- क्षेत्र के प्रभावशाली नेता
2. बिहपुर – कुमार शैलेन्द्र
- व्यवसाय: व्यवसाय+खेती
- गाड़ियाँ: टवेरा, इनोवा क्रिस्टा
- पत्नी की कार: होंडा सिटी
- करोड़ों की संपत्ति
3. कहलगांव – शुभानंद मुकेश
- ठाठ और बिजनेस दोनों मजबूत
- पेशा: कोल्ड स्टोरेज + खेती
- गाड़ियाँ: इनोवा, स्कोडा
- पत्नी: सह – प्राध्यापकउनके नाम पर लग्जरी कार भी
4. नाथनगर – मिथुन यादव
- कोई कार नहीं
- लेकिन संपत्ति: 1.50 करोड़
- व्यवसाय: खेती
- आर्थिक रूप से मजबूत लेकिन दिखावे से दूर
5.भागलपुर-रोहित पांडे
- कार: इनोवा क्रिस्टा की कीमत 23 लाख रुपये है
- संपत्ति: सीमित
- व्यवसाय: खुदरा व्यापार
- 50 ग्राम सोना
- युवा चेहरा, लेकिन संसाधन कम
6. सुल्तानगंज – (विधायक विवरण)
- मिली जानकारी के मुताबिक उनके पास काफी संपत्ति और गाड़ियां भी हैं.
सबसे दिलचस्प बात तो ये है कि बीजेपी के पास है मुरारी पासवान पूरे संगठन को टिकट देकर दिया सीधा संदेश:
“कड़ी मेहनत करने वालों को मौका मिलेगा, बड़े नेताओं के बेटे-बेटियों को नहीं।”
ये इसलिए भी खास है क्योंकि-
- भागलपुर सीट पर बीजेपी पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे का बेटा अधिग्रहीत को टिकट नहीं दिया गया
- साथ ही जो संगठन के लिए जमीन पर काम कर रहे हैं मुरारी पासवान को टिकट देकर जीत दर्ज की
यानी बीजेपी ने कहा है कि पार्टी उन कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाएगी जो निस्वार्थ भाव से संगठन के लिए काम करेंगे.
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक-
“मुरारी पासवान इस बात का उदाहरण हैं कि पार्टी उन कार्यकर्ताओं को नहीं भूलती जो ईमानदारी से संगठन के लिए खड़े होते हैं।”
इस बार भागलपुर विधानसभा में दो बिल्कुल विपरीत चेहरे सामने आये:
एक तरफ पर-
- करोड़पति विधायक
- महँगी गाड़ियाँ
- खेती, व्यापार, उद्योग, पेंशन, कंपनियाँ…
वहीं दूसरी ओर-
- मुरारी पासवान
- मजदूरी पर निर्भर
- सामान्य जीवन
- बिना कार-बाइक वाले विधायक
यह अंतर बताता है कि बिहार की राजनीति में अभी भी ऐसे चेहरे हैं जो सीमित संसाधनों के बावजूद जनता के भरोसे जीत हासिल करते हैं.
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