भागलपुर जिले के नाथनगर प्रखंड का अजमेरीपुर बैरिया गंगा की धारा मोड़ने के खिलाफ ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा. पिछले तीन दिनों से अंतर्देशीय जल सर्वेक्षण के तहत गंगा की धारा को मोड़ने का काम चल रहा था, जिसका ग्रामीण लगातार विरोध कर रहे थे. ग्रामीणों का कहना है कि गंगा की दिशा बदलने से इलाके में खतरा मंडरा रहा है. गंभीर क्षरण का खतरा बढ़ जाएगा और उनका उपजाऊ कृषि भूमि नष्ट हो जायेगी।।
शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया. अजमेरीपुर बैरिया स्कूल के पास महिलाओं ने हाथों में झाड़ू लेकर प्रदर्शन किया.जबकि ग्रामीण रसीदपुर पुल पर आगजनी कर यातायात बाधित कर दिया गया.।।
ग्रामीणों के अनुसार वर्तमान समय में गंगा का बहाव तेज है पश्चिम से आ रहे हैं और बैरिया से सीधे उत्तर की ओर जा रहे हैं की ओर बह रहा है. नदी के पूर्वी छोर पर बसे अजमेरीपुर, बैरिया, रसीदपुर, दिलदारपुर, श्रीरामपुर, लालूचक, बिंद टोली व भीट रसीदपुर के ग्रामीण। एक हजार एकड़ से अधिक उपजाऊ भूमि है। इस जमीन पर ग्रामीण खेती कर अपनी जीविकोपार्जन करते हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि राज्य सरकार इस उपजाऊ इलाके से गंगा की मुख्य धारा को मोड़ने की तैयारी कर रही है. उनका कहना है कि यदि धारा को इस दिशा में मोड़ दिया जाए तो-
- किसानों की खेती योग्य जमीन नदी में समा जायेगी.
- पूरे क्षेत्र में कटाव तेज हो जाएगा
- कई गांवों का अस्तित्व खतरे में पड़ जायेगा
ग्रामीणों ने साफ कहा है कि वे किसी भी हालत में धारा को इस ओर मोड़ने नहीं देंगे.
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