नालन्दा/हरनौत: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पैतृक गांव कल्याण बिगहा जश्न अपने चरम पर है. शुरुआती रुझानों में जैसे ही एनडीए को भारी बढ़त मिली, पूरा गांव ढोल-नगाड़ों, पटाखों और खुशी की आवाज से गूंज उठा.
ग्रामीणों के चेहरे पर एक ही विश्वास साफ झलक रहा था- “2025 से 2030, फिर नीतीश!”
जिले की सभी सात सीटों पर एनडीए आगे, समर्थकों में उत्साह चरम पर
नीतीश कुमार की कर्मभूमि नालन्दा इस बार सिर्फ लहर नहीं बल्कि एनडीए की स्पष्ट सुनामी देखने को मिल रही है.
जिले के रुझान के अनुसार सभी सात सीटों पर एनडीए को मजबूत बढ़त कायम है.
इसके साथ ही नालंदा का सियासी पारा इतना चढ़ गया कि हर गांव और टोले में जीत का माहौल बन चुका है.
कल्याण बिगहा बना जश्न का केंद्र, ढोल नगाड़ों से गूंजा गांव
हरनौत विधानसभा क्षेत्र में स्थित है कल्याण बिगहा गांव अब राजनीति का नहीं बल्कि त्योहारों का केंद्र बन गया है.
सुबह से ही गांव की गलियों में
- ढोल की थाप
- पटाखों की गूंज
- महिलाओं का उत्साह
- युवाओं का समूह
- विजय नारों की ध्वनि
यह लगातार सुनाई देता है.
ऐसा गांव के लोगों का कहना है बिहार फिर उसी भरोसे पर खड़ा है जो वर्षों से नीतीश कुमार के नाम पर बना है.
“हमने नीतीश का नारा दिया था फिर 2025-2030” – महिलाएं
इस बार जश्न की सबसे बड़ी तस्वीर थी गांव की महिलाएंजिन्होंने एक स्वर में कहा:
हमने नारा दिया था- 2025 से 2030, फिर नीतीश!
और आज रुझान बता रहे हैं कि बिहार हमारा भरोसा कायम रख रहा है।”
गांव की महिलाएं कहती हैं कि:
- नीतीश कुमार ने बिहार की महिलाओं को अधिकार, सम्मान और सुरक्षा दी
- छात्राओं के लिए साइकिल, पोशाक, छात्रवृत्ति जैसी योजनाओं ने उन्हें आगे बढ़ाया.
- शराबबंदी से गांवों में सामाजिक बदलाव आया
- पंचायत और शासन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी
इसी वजह से महिलाओं में नीतीश के प्रति सबसे ज्यादा भरोसा देखा गया.
“हमारे गांव का बेटा फिर संभालने जा रहा है बिहार की बागडोर”
स्थानीय महिलाओं ने खुशी जाहिर करते हुए कहा:
“आज हमें गर्व है कि हमारा गांव एक बार फिर बिहार को नेतृत्व देने जा रहा है।
नीतीश जी की नीतियों ने गरीबों, महिलाओं और युवाओं को ताकत दी है.
गांव के बुजुर्ग भी कहते हैं कि इस बार नीतीश सरकार की योजनाओं का असर ग्रामीण इलाकों में सबसे ज्यादा दिखा, जिसका नतीजा रुझानों में साफ दिख रहा है.
युवाओं ने कहा- रोजगार और विकास के आधार पर वोट किया
गांव के युवाओं ने कहा:
- सड़क, बिजली और पानी की व्यवस्था में सुधार हुआ
- गांवों में भी शिक्षा व्यवस्था आसान हो गई
- तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास योजनाओं का लाभ मिला
“हमारा मानना है कि केवल एक स्थिर सरकार ही विकास को गति दे सकती है। इसलिए पूरा गांव एक साथ आया और एनडीए को जिताने का फैसला किया।”
नतीजों से पहले ही गांव में जश्न, नीतीश समर्थक बोले- ‘फिर लौट आई स्थिरता’
टीवी स्क्रीन पर रुझान तेज होते ही गांव में जगह-जगह ढोल बजने लगे।
महिलाओं ने नृत्य किया, बच्चों ने पटाखे फोड़े और पुरुषों ने मिठाइयाँ बाँटीं।
हर किसी के पास कहने के लिए एक ही बात थी- नीतीश जी की जीत बिहार की स्थिरता की जीत है.
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