बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण का मतदान गुरुवार को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया. मतदाताओं में भारी उत्साह था और पूरे दिन राज्य भर में मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें देखी गईं। पहले चरण में 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटें पर वोटिंग हुई, जहां कुल 1314 उम्मीदवार मैदान में हैं. वोटिंग बंद होते ही सभी उम्मीदवारों की किस्मत… ईवीएम में कैद यह हो चुका है।
60.13 फीसदी वोटिंग, शाम के बाद भी कई बूथों पर लगी रहीं कतारें
चुनाव आयोग के मुताबिक शाम 5 बजे तक 60.13 फीसदी वोटिंग रिकार्ड किये गये। हालांकि, कई इलाकों में मतदाता निर्धारित समय के बाद भी कतार में खड़े रहे, जिसके कारण देर तक मतदान केंद्रों पर भीड़ बनी रही.
सुरक्षा कारणों से 56 बूथ लेकिन शाम 5 बजे ही वोटिंग प्रक्रिया रोक दी गई.
बड़े नेताओं की किस्मत ईवीएम में कैद
पहले चरण के मतदान के साथ ही कई दिग्गज नेताओं का राजनीतिक भविष्य निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है.
इस चरण में जिन प्रमुख नेताओं की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है उनमें शामिल हैं-
- तेजस्वी यादव (राजद)
- तेज प्रताप यादव (राजद)
- उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा (भाजपा)
- डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी (बीजेपी)
- बिहार सरकार के 16 मंत्री
इन सीटों पर वोटों की गिनती 12 नवंबर को होगी, जिसके बाद तय हो जाएगा कि कौन वापसी करेगा और किसकी राह मुश्किल हो जाएगी.
मुख्य मुकाबला एनडीए बनाम महागठबंधन
पहले चरण में एनडीए (बीजेपी-जेडीयू) और महागठबंधन (आरजेडी-कांग्रेस-लेफ्ट) के बीच सीधा मुकाबला था.
इसके साथ ही प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी इस बार भी वह तीसरे मोर्चे के तौर पर खास पहचान बनाने की कोशिश में है. जन सुराज ने कई सीटों पर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है.
जनता का जनादेश किसके पास जाएगा?
पहले चरण की सफल वोटिंग ने चुनावी माहौल को और गर्म कर दिया है. रिकॉर्ड मतदान दर्शाता है कि मतदाता बदलाव या स्थिरता को लेकर बेहद स्पष्ट और उत्साहित हैं।
फिलहाल सभी की निगाहें वोटों की गिनती पर हैं, जो बताएगा कि पहले चरण के मतदान में किसे जनता का समर्थन मिला और किसे झटका लगा.
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