पटना- बिहार की राजनीति में आज एक और अहम अध्याय जुड़ गया. भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सम्राट चौधरी गुरुवार को दूसरी बार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लिया। पटना का ऐतिहासिक गांधी मैदान आयोजित भव्य शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उन्होंने मंत्री पद की शपथ लेकर अपने नए कार्यकाल की शुरुआत की.
हजारों की भीड़, बीजेपी-जेडीयू के शीर्ष नेतृत्व की मौजूदगी और राष्ट्रीय स्तर के नेताओं का जमावड़ा इस बात का संकेत था कि एनडीए इस बार एक मजबूत, समन्वित और रणनीतिक सरकार की ओर बढ़ रही है.
सम्राट चौधरी पहले भी बिहार के उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं और एक बार फिर बीजेपी ने उन पर भरोसा जताया है.
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक यह फैसला कई अहम संकेत देता है-
- संगठन और सरकार दोनों में अनुभवी और प्रभावी नेताओं को केंद्र में रखना
- विपक्ष पर मुखर और आक्रामक शैली वाले नेताओं को आगे लाना
- बीजेपी के नेतृत्व में सम्राट चौधरी धारण और स्वीकृति को मजबूत करें
सम्राट चौधरी ने पिछले कुछ सालों में बीजेपी संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर उनका कार्यकाल पार्टी के विस्तार में निर्णायक माना जाता है.
गांधी मैदान में आयोजित समारोह में राजनीतिक शक्ति का संतुलन साफ नजर आया. स्टेज पर-
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
- दोनों उपमुख्यमंत्री
- बीजेपी और जेडीयू के शीर्ष नेता
- केंद्रीय नेतृत्व के वरिष्ठ प्रतिनिधि
साथ में मौजूद थे.
हजारों लोगों की भीड़ और उन्माद इस बात का संकेत था कि नये कार्यकाल को लेकर जनता में उत्साह है और एनडीए राजनीतिक स्तर पर मजबूत शुरुआत कर रही है.
शपथ के बाद सम्राट चौधरी ने मीडिया से कहा कि उनकी प्राथमिकता है-
- कानून व्यवस्था में सुधार
- रोजगार के अवसर बढ़ाएँ
- शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार
- राज्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना
क्या होगा। उन्होंने ये भी कहा केंद्र और राज्य सरकार मिलकर बिहार को नये युग की ओर ले जायेंगे.।।
सम्राट चौधरी की दोबारा ताजपोशी को बीजेपी की 2025 की रणनीति का बड़ा संकेत माना जा रहा है.
बीजेपी चाहती है कि बिहार में उसका नेतृत्व आक्रामक, ऊर्जावान और जनता से सीधे जुड़ा हुआ दिखे.
सम्राट चौधरी इसके लिए उपयुक्त चेहरा माने जा रहे हैं.
जेडीयू और बीजेपी के बीच भी गठबंधन संतुलन वहीं सम्राट चौधरी भी समन्वय बनाए रखने वाले नेता के तौर पर खास भूमिका निभाते हैं.
सम्राट चौधरी अपने आक्रामक अंदाज और विपक्ष पर तीखे हमलों के लिए जाने जाते हैं.
ऐसे में राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि:
- चौधरी की मौजूदगी से विधानसभा में विपक्ष पर दबाव बनेगा
- विकास और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों पर विपक्ष की घेराबंदी और मजबूत होगी.
- बीजेपी की आक्रामक राजनीति को नई धार मिलेगी
विपक्ष के लिए यह चुनौतीपूर्ण समय साबित हो सकता है.
उपमुख्यमंत्री के तौर पर सम्राट चौधरी को कई बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा-
- बिहार में रोजगार का बड़ा संकट
- औद्योगिक निवेश की कमी
- बुनियादी ढांचे में सुधार
- योजनाओं का तेजी से क्रियान्वयन
- गठबंधन में समन्वय बनाए रखें
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक सम्राट चौधरी के नेतृत्व में बीजेपी की भूमिका मजबूत होगी और इससे एनडीए सरकार में नई ऊर्जा आएगी.
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