नालन्दा
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच नालंदा जिले से एक प्रेरणादायक कहानी सामने आई है जिसने पूरे प्रशासनिक महकमा और जनता दोनों का दिल जीत लिया है.
जहां आम तौर पर लोग चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए तरह-तरह के बहाने बनाते हैं, वहीं नालंदा की महिला अधिकारी… रश्मी कुमारी (डीसीएलआर-भूमि सुधार उप समाहर्ता) उन्होंने अपने कर्तव्य को मातृत्व से ऊपर रखा।
प्रसव के आखिरी महीनों में होने के बावजूद उन्होंने चुनाव ड्यूटी की और कर्तव्य की ऐसी मिसाल पेश की, जो आज हर जगह चर्चा का विषय बनी हुई है.
🔹 हिलसा अनुमंडल के डीसीएलआर ने पेश की मिसाल
बिहार से हिलसा अनुमंडल डीसीएलआर रश्मी कुमारी को पदस्थापित किया गया है इस्लामपुर विधानसभा क्षेत्र चुनाव ड्यूटी सौंपी गई थी.
इस क्षेत्र में कुल 390 मतदान केंद्र (बूथ) बनाया गया।
चुनाव के आखिरी चरण की व्यस्तता में भी रश्मि कुमारी ने प्रसव पीड़ा की परवाह किए बिना हर बूथ पर स्थिति पर नजर रखी और पूरे दिन ड्यूटी की.
उनकी इस जिम्मेदारी ने ये साबित कर दिया जब सेवा की भावना सच्ची हो तो परिस्थितियाँ कभी रास्ता नहीं रोकतीं।
🔹 “यह लोकतंत्र का महापर्व है, मैं इसे मिस नहीं करना चाहता था”
ड्यूटी पूरी करने के बाद बातचीत में महिला अधिकारी ने कहा-
“यह मेरी पहली चुनावी ड्यूटी थी। मैं इसे छोड़ना नहीं चाहता था। यह लोकतंत्र का महान त्योहार है और मैं नहीं चाहता था कि मेरी वजह से कोई भी प्रशासनिक काम छूट जाए।”
उनका ये बयान अब सोशल मीडिया पर वायरल है. बहुत से लोग इसे “लोकतंत्र की सच्ची सेवा भावना” कहकर सराहना की।
🔹 जहां कई अधिकारी बहाने बनाते हैं, वहीं कर्तव्य पूरा हो गया
चुनाव ड्यूटी को लेकर सरकारी कर्मचारियों में अक्सर बेचैनी देखी जाती है. कई बार लोग बीमारी या निजी कारणों का हवाला देकर ड्यूटी से बचने की कोशिश करते हैं।
लेकिन रश्मि कुमारी ने दिखा दिया कि जब इरादे सच्चे हों तो हर मुश्किल आसान लगती है.
खास बात यह भी है कि मेडिकल कारणों से उन्हें छुट्टी दी जा सकती थी, लेकिन उन्होंने खुद ही ड्यूटी पर जाने का फैसला किया.
🔹 कर्तव्य पालन के बाद जन्मी ‘लक्ष्मी’
चुनाव कार्य संपन्न होने के कुछ देर बाद ही रश्मि कुमारी ने बेटी को जन्म दिया.
अब मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं.
जिले में लोग इस लड़की को ”लोकतंत्र की देवीकहकर सम्बोधित करते हैं।
रश्मि कुमारी की इस कर्तव्य निष्ठा की प्रशासनिक गलियारे में खूब सराहना हो रही है.
🔹 अधिकारियों ने कहा- यही सच्ची प्रेरणा है
नालंदा जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा-
“रश्मि कुमारी ने जो किया वह हर अधिकारी और कर्मचारी के लिए एक उदाहरण है। उन्होंने दिखाया कि जब प्यार और कर्तव्य एक साथ आते हैं, तो हर बाधा छोटी लगती है।”
मातृत्व और सेवा भावना का संगम
रश्मि कुमारी की कहानी बताती है कि एक महिला न केवल परिवार और मातृत्व की जिम्मेदारी निभा सकती है, बल्कि देश और लोकतंत्र के प्रति भी अपना कर्तव्य पूरी निष्ठा से निभा सकती है।
बिहार चुनाव की हलचल के बीच उनका समर्पण. एक सकारात्मक एवं प्रेरक संदेश बनकर तैयार हो गया है.
VOB चैनल से जुड़ें



