नई दिल्ली/पटना. बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद महागठबंधन की बिगड़ती स्थिति ने कांग्रेस को आत्ममंथन करने पर मजबूर कर दिया है. राज्य में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा है, जिससे पार्टी की अंदरूनी राजनीति में नई चिंताएं पैदा हो गई हैं. इसे लेकर आज दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर अहम बैठक चल रही है, जिसमें पार्टी के शीर्ष नेता जुटे हैं.
बिहार में कांग्रेस का प्रदर्शन सबसे कमजोर, पार्टी नेतृत्व चिंतित!
बिहार चुनाव में जहां महागठबंधन को उम्मीद से काफी कम सीटें मिलीं, वहीं कांग्रेस की हालत और भी खराब रही. कई सीटों पर न सिर्फ पार्टी हार गई, बल्कि उम्मीदवार मुकाबले में टिक भी नहीं पाए. इस नतीजे ने कांग्रेस नेतृत्व की चिंता बढ़ा दी है.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक,
- टिकट चयन,
- संगठनात्मक कमजोरी,
- क्षेत्रीय रणनीति का अभाव
इस बैठक में इस तरह के मुद्दे खास तौर पर उठाए जा रहे हैं.
खड़गे के आवास पर जुटे दिग्गज- रणनीति की होगी समीक्षा
दिल्ली स्थित कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर चल रही बैठक में कई बड़े नेता मौजूद हैं. इसमे शामिल है:
- राहुल गांधीएमपी
- का। सी. वेणुगोपालसंगठन महासचिव
- पार्टी का बिहार प्रभारी
- अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अन्य वरिष्ठ नेता
बैठक का मुख्य उद्देश्य बिहार चुनाव में हार के कारणों की गहन समीक्षा करना और आगे की रणनीति तय करना है.
सूत्र बताते हैं कि बैठक में इस बात पर भी चर्चा हो रही है कि
- क्या टिकट वितरण प्रक्रिया में कोई खामियां थीं?
- क्या स्थानीय नेतृत्व को पर्याप्त महत्व नहीं दिया गया?
- क्या संगठन की पकड़ कमजोर हुई?
पार्टी ने शुरू की ‘डैमेज कंट्रोल’ प्रक्रिया
बिहार में लगातार कमजोर प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस काफी समय से आलोचना झेल रही है. जानकारों का मानना है कि अगर पार्टी ने समय रहते हालात नहीं सुधारे तो राज्य में उसका जनाधार और कम हो सकता है.
कांग्रेस नेतृत्व के सामने अब दो बड़ी चुनौतियाँ हैं:
✔ पार्टी का पुनर्गठन
जमीनी स्तर पर पार्टी ढांचे को मजबूत करना और नए चेहरे तैयार करना।
✔ महागठबंधन में अपनी जगह सुरक्षित करने के लिए
महागठबंधन में कांग्रेस की कमजोर स्थिति के कारण उसकी भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं.
कांग्रेस का अगला कदम क्या होगा?
बैठक में लिए गए फैसले इस बात पर निर्भर करेंगे कि बिहार में कांग्रेस किस दिशा में आगे कदम बढ़ाती है.
अंदरूनी सूत्रों के अनुसार:
- बिहार प्रदेश कमेटी में बड़ा फेरबदल हो सकता है
- कमजोर प्रदर्शन वाले नेताओं को जवाबदेह ठहराया जा सकता है
- पार्टी को जमीनी स्तर पर सक्रिय करने के लिए नई रणनीति बनाई जाएगी.
पार्टी बिहार में अपनी खोई जमीन वापस पाने और महागठबंधन के भीतर अपनी राजनीतिक पकड़ बनाए रखने की कोशिश कर रही है।
VOB चैनल से जुड़ें



