बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में सुबह से ही मतदान केंद्रों पर उत्साह देखने को मिल रहा है. कई जिलों में लंबी-लंबी कतारें लग रही हैं और वोटिंग प्रतिशत लगातार बढ़ रहा है. चुनाव पर्यवेक्षकों का मानना है कि यह रुझान सीधे तौर पर राजनीतिक समीकरणों पर असर डाल सकता है.
चुनावी समीकरणों पर असर
बिहार की राजनीति में मतदान का बढ़ता प्रतिशत अक्सर देखा जाता है विरोधी लहर यानी इसे सरकार विरोधी प्रवृत्ति से जोड़कर देखा जाता है. अगर पूरे दिन मतदान बढ़ता रहा तो इसे मतदाताओं की बदलाव की इच्छा के संकेत के रूप में भी देखा जाएगा।
जेडीयू-बीजेपी गठबंधन और राजद-कांग्रेस महागठबंधन दोनों ही बढ़ते मतदान को अपने-अपने पक्ष में बता रहे हैं.
- महागंठबंधन दावा है कि जनता बदलाव के मूड में है.
- एनडीए कहते हैं कि विकास के प्रति जनता का विश्वास मजबूत हुआ है.
मतदाता उत्साह: लोकतंत्र के लिए नई ऊंचाइयां
युवा, महिला, वरिष्ठ नागरिक और दिव्यांग सभी वर्ग के मतदाता बड़ी संख्या में अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। यदि मतदान की यही गति जारी रही तो दूसरा चरण बिहार के चुनावी इतिहास में सबसे अधिक मतदान वाले चरणों में से एक हो सकता है।
आज का दिन प्रदेश में लोकतांत्रिक जागरूकता की नई मिसाल कायम कर सकता है।
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