पटना
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण का मतदान संपन्न होते ही राजनीतिक माहौल गर्म यह किया जाता है।
कहाँ एनडीए एग्जिट पोल में भारी बढ़त मिलती दिख रही है, वहीं चुनावी रणनीतिकार बने नेता प्रशांत किशोर का जन सुराज पार्टी के लिए निराशाजनक संकेत आगे आये हैं.
ज्यादातर सर्वे में जन सुराज पार्टी शून्य से पांच सीटें तक का अनुमान है. यानी, खाता खुलवाना मुश्किल जान पड़ता है।
🔹 “अर्श पर या फर्श पर” – लेकिन एग्जिट पोल ने मंजिल दिखा दी
प्रशांत किशोर ने कई बार अपनी चुनावी रैलियों में कहा था कि
“जन सुराज या तो अर्श पर होगा या फर्श पर।”
लेकिन एग्जिट पोल ने इस दावे को खारिज कर दिया. कठिन चुनौती दिया है.
विभिन्न सर्वेक्षण एजेंसियाँ पसंद करती हैं मैट्रिज़, पीपल्स इनसाइट, पीपल्स पल्स, जेवीसी और पी-मार्क जन सुराज पार्टी 0-5 सीटों के बीच एक अनुमान दिया गया है.
- जनता की धड़कन: 0-5 सीटें
- जेवीसी: 0-1 सीट
- मैट्रिज़-आईएएनएस: कोई निर्णायक प्रभाव नहीं
यह तो स्पष्ट है प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी इस चुनाव में कोई बड़ा प्रभाव नहीं डाल पाई.।।
एनडीए को बढ़त, महागठबंधन पीछे
मैट्रिज़-आईएएनएस एग्जिट पोल एक बार फिर बिहार के हिसाब से एनडीए की लहर यह दिखाई दे रहा है.
एग्जिट पोल के मुताबिक-
- एनडीए: 147-167 सीटें
- ग्रैंड अलायंस (एमजीबी):70-90 सीटें
- जन सुराज पार्टी (जेएसपी):0–5 सीटें
इससे यह स्पष्ट है कि जनता ने फिर से नीतीश कुमार और एनडीए गठबंधन को भरोसा दिया है.जबकि जन सुराज तीसरे मोर्चे के रूप में उभरने में असफल रहा।
🔹 महागठबंधन को भी झटका
2020 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन (राजद+कांग्रेस+लेफ्ट) लगभग है 110 सीटें जीत गया।
लेकिन इस बार एग्जिट पोल के मुताबिक उसका प्रदर्शन कमजोर रहा है.
युवा, बेरोजगारी और नौकरी जैसे मुद्दे लेकिन महागठबंधन ने चुनाव लड़ा, लेकिन
एग्ज़िट पोल से यही पता चलता है सार्वजनिक सभाओं की भीड़ वोट में तब्दील नहीं हो सकी.।।
🔹 एनडीए की मजबूत पकड़ के चार बड़े कारण
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक एनडीए की बढ़त के पीछे ये हैं प्रमुख कारण-
- नीतीश कुमार का अनुभव और स्थिर नेतृत्व.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विकास और भरोसेमंद छवि.
- बीजेपी-जेडीयू का मजबूत सांगठनिक नेटवर्क.
- महिला और युवा मतदाताओं का रुझान एनडीए की ओर.
इन सभी कारणों से एनडीए को दोबारा सत्ता में लाने का रास्ता साफ हो गया है.
प्रशांत किशोर के लिए चुनौतीपूर्ण परिणाम
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि प्रशांत किशोर की पार्टी को लेकर जनता में उत्सुकता जरूर थी.
लेकिन वह राजनीतिक विकल्प के रूप में आत्मविश्वास नहीं जगा सका.
कई सीटों पर जन सुराज प्रत्याशियों का प्रदर्शन प्रतीकात्मक है रह गया.
“प्रशांत किशोर ने बिहार में जन आंदोलन खड़ा करने की कोशिश की, लेकिन इसे वोट में बदलने की रणनीति कमज़ोर थी,”
-राजनीतिक विश्लेषक संतोष मिश्रा।
नतीजे 14 नवंबर को आएंगे
बिहार में दो चरण- 6 नवंबर और 11 नवंबर 2025 -को मतदान संपन्न हुआ।
अब 14 नवंबर 2025 इसी दिन वोटों की गिनती होगी और यह साफ हो जाएगा
क्या जन सुराज सचमुच “समीं पर” है, या नतीजे कोई नया करिश्मा दिखाते हैं?
एग्ज़िट पोल हमेशा सही नहीं होते
राजनीतिक विशेषज्ञों ने यह याद दिलाया एग्ज़िट पोल केवल संकेतक वहाँ हैं।
पिछले कई चुनावों में एग्ज़िट पोल विपरीत साबित हुए हैं।
तो अंतिम निर्णय वोटों की गिनती के बाद यही तय होगा.
क्या खुलेगा जन सुराज का खाता?
प्रश्न यह है –
क्या प्रशांत किशोर का जन सुराज पार्टी इस बार खाता खोल सकेंगे,
या फिर ये चुनाव उनके राजनीतिक सफर का पहला कठिन सबक साबित होगा?
14 नवंबर को नतीजे घोषित होने के बाद ही बिहार की नई राजनीतिक तस्वीर यह स्पष्ट हो जायेगा.
📍रिपोर्ट:पटना ब्यूरो | संपादन: कुमार आदित्य
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