बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में कुल 18 जिलों में शांतिपूर्ण मतदान हुआ. लेकिन अधिकांश जिलों में मतदाताओं ने जमकर मतदान किया पटना जिले में एक बार फिर सबसे कम वोटिंग प्रतिशत रहा (57.93%) से चर्चा में रहे।
जहां मुजफ्फरपुर, बेगुसराय, सहरसा जैसे जिलों में भारी उत्साह देखने को मिला, वहीं राजधानी पटना इस बार भी वोटिंग प्रतिशत में पिछड़ गई.
पटना में कम वोटिंग के मुख्य कारण
विशेषज्ञों, राजनीतिक विश्लेषकों और जिला प्रशासन के अनुसार, पटना में कम मतदान के पीछे कई कारण थे:
✅ 1. शहरी मतदाताओं की उदासीनता
राजधानी पटना में वर्षों से यह चलन दिख रहा है कि शहरी इलाकों में लोग मतदान को लेकर कम उत्साहित रहते हैं. नौकरी, व्यवसाय और अन्य प्रतिबद्धताओं के कारण शहरी मतदाता मतदान केंद्रों पर कम जाते हैं।
✅ 2. गर्म मौसम के कारण दोपहर में मतदान में गिरावट आई
पहले चरण के दिन दोपहर में धूप तेज थी, जिसके कारण बड़ी संख्या में लोग अपने घरों में ही रहे.
✅ 3. यातायात और लंबी दूरी की शिकायतें
कई बूथों पर पहुंचने में दिक्कत और ट्रैफिक जाम के कारण भी मतदान प्रभावित हुआ.
✅ 4. स्थानीय मुद्दों पर निराशा
कुछ इलाकों में विकास कार्यों, जलजमाव, सड़क और साफ-सफाई जैसे मुद्दों को लेकर भी लोगों में असंतोष था, जिसका असर मतदान प्रतिशत पर पड़ा.
✅ 5. युवा मतदाताओं में कम उत्साह
जिला निर्वाचन कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक पहली बार मतदान करने वाले युवाओं की भागीदारी उम्मीद से कम रही.
दूसरे चरण में सुधार के प्रयास
प्रशासन ने माना है कि वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए अतिरिक्त जागरूकता अभियानबूथों पर बेहतर व्यवस्था की जा रही है और शहरी मतदाताओं के लिए विशेष रणनीति बनाई जा रही है.
दूसरे चरण में पटना में अधिक से अधिक मतदाताओं को बूथ तक लाने के लिए राजनीतिक दल भी नई-नई रणनीति बना रहे हैं।
जिलेवार मतदान प्रतिशत (प्रथम चरण)
| ज़िला | मतदान प्रतिशत |
|---|---|
| बेगूसराय | 69.27% |
| भोजपुर | 58.27% |
| बक्सर | 61.39% |
| दरभंगा | 62.84% |
| गोपालगंज | 66.58% |
| खगरिया | 66.40% |
| लखीसराय | 65.05% |
| मधेपुरा | 69.03% |
| मुजफ्फरपुर | 71.03% |
| नालन्दा | 59.11% |
| पटना | 57.93% (न्यूनतम) |
| सरहसा | 69.16% |
| समस्तीपुर | 70.87% |
| सारण | 63.05% |
| शेखपुरा | 61.73% |
| सिवान | 60.54% |
| वैशाली | 67.37% |
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