बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में जहां पूरे राज्य में रिकॉर्ड तोड़ 64.66 फीसदी वोटिंग हुई, वहीं पटना जिले में फतुहा विधानसभा क्षेत्र हैरान कर देने वाली स्थिति देखने को मिली. निज़ामपुर गांव दो मतदान केंद्रों पर- 165 और 166- बनाए गए एक भी वोट नहीं डाला गयाकुल 1629 पंजीकृत मतदाता उनमें से किसी ने भी वोट नहीं दिया.
दोनों बूथों पर एक भी वोट नहीं पड़ा
निजामपुर गांव में जिन दो बूथों पर वोटिंग हुई उनके आंकड़े इस प्रकार हैं-
- बूथ संख्या 165 – 743 मतदाता
- बूथ संख्या 166 – 886 मतदाता
लेकिन सुबह सात बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक एक भी मतदाता अंदर नहीं आये. दिन भर दोनों बूथ पूरी तरह खाली हैं।
सुबह से शाम तक सन्नाटा, सुरक्षा टीम भी हैरान
सुबह पांच बजे मतदान दल और सुरक्षा बल बूथ पर पहुंच गये. मतदान केन्द्र की सारी व्यवस्थाएं समय पर कर ली गयीं।
बूथ के बाहर ग्रामीणों की आवाजाही तो थी, लेकिन किसी ने अंदर जाकर वोट डालने की इच्छा नहीं जतायी. दोनों बूथों पर मौन आलम ये था कि चुनावकर्मी और पुलिसकर्मी भी हैरान रह गए.
निजामपुर के ग्रामीणों ने क्यों किया मतदान का बहिष्कार?
ग्रामीणों का कहना है कि उनका समाज कई एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा कर दी गई।
ग्रामीणों का आरोप-
- ज़मीन पर भूमाफिया कब्ज़ा
- स्थानीय अधिकारियों और पुलिस की मिलीभगत
- शिकायतों के बावजूद किसी ने कार्रवाई नहीं की
लोगों ने बताया कि वे कई बार प्रशासनिक अधिकारियों से न्याय की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला. इस गुस्से में पूरे गांव ने मतदान का बहिष्कार किया इसे करें।
लोकतंत्र में इस तरह का बहिष्कार बड़ा संकेत है
दो बूथों पर एक भी वोट नहीं डाला जाना प्रशासन के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है.
इतने बड़े पैमाने पर मतदान का बहिष्कार-
- सरकारी व्यवस्था में लोगों के भरोसे पर सवाल उठाता है,
- और इससे पता चलता है कि ग्रामीणों में विकास और न्याय के मुद्दे को लेकर गहरा आक्रोश है
प्रशासन आगे क्या करेगा?
अब देखना यह है कि चुनाव आयोग और जिला प्रशासन इस मामले पर क्या कार्रवाई करता है और ग्रामीणों के आरोपों की जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है.
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