पटना – बिहार की राजनीति में एक नया अध्याय जुड़ गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार, 20 नवंबर, 2025 को दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लिया। यह उपलब्धि उन्हें देश के सबसे लंबे समय तक सेवारत और स्थायी रूप से प्रभावशाली मुख्यमंत्रियों की सूची में एक विशेष स्थान देती है।
इस बार राज्य विधानसभा चुनाव में एनडीए की ऐतिहासिक जीत के बाद नीतीश कुमार ने शपथ ली है. 243 सीटों वाली विधानसभा में गठबंधन 200 से ज्यादा सीटें मुलाकात नीतीश कुमार के नेतृत्व और राजनीतिक रणनीति की बड़ी पुष्टि है.
पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह भव्यता और अनुशासन का पूरा मिश्रण था। हजारों समर्थक और कार्यकर्ता इस ऐतिहासिक पल के गवाह बने.
समारोह में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीकेंद्रीय गृह मंत्री अमित शाहऔर एनडीए के कई वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी ने इस कार्यक्रम को और महत्वपूर्ण बना दिया.
बिहार की राजनीति में लंबे समय से सक्रिय नीतीश कुमार ने गठबंधन की राजनीति में हमेशा लचीली और व्यावहारिक भूमिका निभाई है।
उनका प्रशासनिक अनुभव, सरकारी योजनाओं की निगरानी और संघर्षों के बीच संतुलन बनाए रखने की क्षमता ने उन्हें लगातार सत्ता में पहुंचाया है।
नीतीश कुमार के राजनीतिक मॉडल की तीन खास बातें:
- गठबंधन प्रबंधन की कला
- मजबूत शासन और विकास आधारित राजनीति
- परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लेने की क्षमता
यही वजह है कि जनता ने उन्हें दोबारा राज्य की कमान सौंपने का भरोसा जताया.
हालांकि 10वीं बार सत्ता में आना नीतीश कुमार की लोकप्रियता और रणनीतिक क्षमता को दर्शाता है, लेकिन उनके नए कार्यकाल में चुनौतियों की संख्या भी कम नहीं है:
प्रमुख चुनौतियाँ:
- बेरोजगारी और युवाओं के लिए बेहतर अवसर
- श्रमिकों के राज्य से बाहर पलायन की समस्या
- उद्योग एवं निवेश को बढ़ावा देना
- जातीय एवं सामाजिक संतुलन का प्रबंध करना
- एनडीए गठबंधन को स्थिर रखना
इन मुद्दों पर जनता की नजरें सरकार के फैसलों और क्रियान्वयन पर रहेंगी.
नीतीश कुमार का 10वां शपथ ग्रहण समारोह बिहार में सिर्फ एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है नया विकास अध्याय इसे शुरुआत का प्रतीक माना जाता है.
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि यह कार्यकाल राज्य में विकास, शासन सुधार और राजनीतिक स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
जनता को सरकार से उम्मीद है कि वह रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा, कानून-व्यवस्था और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में तेजी से और ठोस कदम उठाएगी।
नीतीश कुमार के 10वीं बार सत्ता संभालते ही बिहार के राजनीतिक गलियारे से लेकर आम जनता तक नए उत्साह और उम्मीदों का माहौल दिख रहा है.
अब पूरे राज्य की नजर इस पर रहेगी कि आने वाले समय में नीतीश कुमार और उनकी नई टीम बिहार को किस दिशा में ले जाती है.
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