पटना, 20 नवंबर: बिहार की राजनीति में आज ऐतिहासिक दिन रहा, जब जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार लगातार 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. पटना के गांधी मैदान में आयोजित भव्य समारोह में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी.
इस मौके पर एनडीए के वरिष्ठ नेताओं और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी में नई सरकार ने औपचारिक रूप से कार्यभार संभाला.
सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा उपमुख्यमंत्री बने.
नई सरकार के गठन के साथ दो डिप्टी सीएम नियुक्त किया गया है-
- सम्राट चौधरी
- विजय कुमार सिन्हा
शपथ ग्रहण के साथ ही दोनों नेताओं ने अपने-अपने विभाग में कामकाज संभालने की तैयारी शुरू कर दी है. एनडीए के भीतर इन दोनों नेताओं की अहम भूमिका को देखते हुए संगठन ने इन्हें सरकार में अहम जिम्मेदारियां दी हैं.
26 मंत्रियों ने शपथ ली
मुख्यमंत्री के साथ कुल 26 मंत्री साथ ही पद एवं गोपनीयता की शपथ भी ली. नई कैबिनेट में अनुभवी नेताओं के साथ-साथ नए चेहरों को भी शामिल किया गया है. इनमें महिला, मुस्लिम समुदाय और पहली बार विधायक बने नेताओं को भी जगह दी गई है, जो कैबिनेट में सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन को दर्शाता है.
तेजस्वी यादव ने दी बधाई
शपथ ग्रहण समारोह के बाद बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव सोशल मीडिया के जरिए नीतीश कुमार और सभी मंत्रियों को बधाई दी.
तेजस्वी यादव ने अपने संदेश में लिखा:
“बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर हार्दिक बधाई। मंत्रिपरिषद के सदस्य के रूप में शपथ लेने वाले बिहार सरकार के सभी मंत्रियों को हार्दिक बधाई। आशा है कि नई सरकार जिम्मेदार तरीके से लोगों की आशाओं और अपेक्षाओं पर खरा उतरेगी, अपने वादों को पूरा करेगी और बिहार के लोगों के जीवन में सकारात्मक और गुणात्मक बदलाव लाएगी।”
तेजस्वी यादव का यह संदेश राजनीतिक शिष्टाचार और नई सरकार के प्रति अपेक्षाओं को दर्शाता है.
शपथ ग्रहण समारोह में दिग्गज नेताओं की मौजूदगी
इस बड़े आयोजन में प्रधानमंत्री स्व नरेंद्र मोदीकेंद्रीय गृह मंत्री अमित शाहबीजेपी अध्यक्ष जेपी नडडाऔर एनडीए के अन्य शीर्ष नेता शामिल हुए. समारोह के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी और गांधी मैदान में हजारों लोग उपस्थित थे।
नई सरकार से बड़ी उम्मीदें
नीतीश कुमार के 10वें कार्यकाल से बिहार के लोगों को विकास, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे में नई दिशा मिलने की उम्मीद है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक इस कार्यकाल को नीतीश कुमार की सबसे बड़ी परीक्षा माना जा रहा है, क्योंकि जनता अब तेज और ठोस नतीजे चाहती है.
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