महागठबंधन प्रत्याशी शेख जियाउल हक के समर्थन में उमड़ी भीड़, एनडीए पर तीखा हमला- ‘कागज पर वादे, जमीन पर खामोशी’
भागलपुर नाथनगर
जैसे-जैसे बिहार चुनाव निर्णायक मोड़ पर पहुंच रहा है, वैसे-वैसे सियासी पारा भी लगातार चढ़ता जा रहा है. वह नजारा बुधवार को भागलपुर के नाथनगर विधानसभा में देखने को मिला, जब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री स्व अखिलेश यादव मंच पर पहुंचे- और मैदान नारों, तालियों और उत्साह से भर गया.
नाथनगर के ऐतिहासिक मैदान में महागठबंधन प्रत्याशी मो सेक्युलर जियाउल हक के समर्थन में आयोजित जनसभा में दूर-दूर से लोग जुटे. भीड़ की गहमागहमी, झंडों का लहराना और उत्साह साफ बता रहा था कि इस बार मुकाबला बेहद दिलचस्प होगा.
“जब नाथनगर फैसला करता है तो इतिहास फैसला बदल देता है”
अखिलेश यादव ने शुरू से ही जनता के दिलों को छूने वाला लहजा अपनाया. उसने कहा:
“अब बदलाव सिर्फ चाहत नहीं, मजबूरी है।”
नाथनगर की जनता जब निर्णय ले लेगी.
तब सत्ता के सिंहासन हिल जाते हैं।”
उन्होंने महागठबंधन प्रत्याशी सेख जियाउल हक को वोट देने की अपील करते हुए कहा कि यह चुनाव बिहार की दिशा और दशा तय करेगा.
एनडीए पर बड़ा हमला: ‘वादे कागज पर, जनता को शिक्षा तक नहीं’
अखिलेश ने बिना नाम लिए बीजेपी-एनडीए पर तीखा हमला बोला. बोला:
“जिन्होंने वादे किए थे वे किताबों, फाइलों और मंचों में दबे रह गए।
महँगाई बढ़ गई है, बेरोज़गारी चरम पर है,
और युवाओं को केवल भाषण मिला…भविष्य नहीं।”
उन्होंने सवाल उठाया,
“कहां हैं किसान? कहां हैं युवा? किस राह पर है विकास?”
जो दिखाई नहीं देता उसका अस्तित्व नहीं है।”
‘बिहार-यूपी की दोस्ती बदलेगी देश की तस्वीर’
भावुक लहजे में बोले अखिलेश-
“बिहार और यूपी ने आजादी के लिए लड़ाई लड़ी।
अब हम विकास के लिए लड़ेंगे.
“जो बदलना चाहता है वही इतिहास बनाता है।”
बैठक में उन्होंने जयप्रकाश नारायण और मंडल राजनीति का जिक्र करते हुए सामाजिक न्याय का संदेश भी दिया.
सेक्युलर जियाउल हक ने कहा- ‘ये रेस जनता के सम्मान की है’
मंच पर मौजूद राजद प्रत्याशी सेक्युलर जियाउल हक ने कहा,
“नाथनगर ने हमेशा सच्चाई का साथ दिया है।
इस बार भी जनता इतिहास रचेगी।”
उन्होंने जनता को भरोसा दिलाया कि वह हर घर की आवाज बनेंगे.
मैदान में उमड़ी भीड़, उत्साह चरम पर
सुबह से ही लोगों की भीड़ जुटने लगी. महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों की मौजूदगी ने बता दिया कि नाथनगर का माहौल गर्म है और जनता का मूड चुनावी रंग में रंग चुका है.
सभा स्थल पर लगातार नारे गूंजते रहे-
“अखिलेश यादव अमर रहें”,
“महागठबंधन को वोट दें”,
“परिवर्तन की आवश्यकता है”
इतनी भीड़ ने राजनीतिक विश्लेषकों को चिंता में डाल दिया है.
निष्कर्ष: प्रभाव कितना है, परिणाम क्या है?
नाथनगर में अखिलेश यादव की सभा को विपक्ष बड़ी उपलब्धि मान रहा है. क्या समर्थन हवा का रुख दिखाता है या सिर्फ एक लहर थी – यह 11 नवंबर और उसके बाद के मतदान के नतीजे तय करेंगे।
लेकिन इतना तो तय है –
इस बार प्रतियोगिता नाथनगर में होगी एकतरफ़ा नहीं,
की अपेक्षा दिलचस्प और ऊबड़-खाबड़ है।
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