बिहार में नई सरकार का आधिकारिक गठन हो गया है. गुरुवार को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित भव्य शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल… आरिफ मोहम्मद खान मुख्यमंत्री नीतीश कुमारउपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
गांधी मैदान में सुबह से ही राजनीतिक हलचल तेज थी, क्योंकि इस शपथ ग्रहण से न सिर्फ सत्ता परिवर्तन हुआ है, बल्कि बिहार के सामाजिक और राजनीतिक ढांचे में भी बड़ा बदलाव आया है.
इस बार नई एनडीए सरकार में
- बीजेपी के 14 मंत्री
- जेडीयू के 8 मंत्री
- एलजेपी के 2 मंत्री (रामविलास)
- HAM के 1 मंत्री
- 1 आरएलएम मंत्री (आरएलएमओ)
शामिल किया गया है.
लेकिन बड़ा फैसला वो था पिछली सरकार के 19 मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.जबकि 12 नए चेहरे पहली बार मंत्रिपरिषद में शामिल किये गये।
इसे हालिया चुनाव नतीजों, सामाजिक समीकरणों और राजनीतिक संतुलन को ध्यान में रखकर किया गया सबसे बड़ा पुनर्गठन माना जा रहा है.
नई लिस्ट में कई मशहूर चेहरे नदारद हैं. सबसे बड़ा नाम है-
- रेनू देवी (पूर्व डिप्टी सीएम)
इसके अलावा इन मंत्रियों को भी इस बार मौका नहीं मिला-
- केदार गुप्ता
- नीतीश मिश्रा
- नीरज सिंह बब्लू
- कृष्ण कुमार मंटू
- जीवेश मिश्रा
- महेश्वर हजारी
- डॉ. सुनील कुमार
- रॉक सर्कल
- प्रेम कुमार
- हरि सहनी
- जनक राम
- राजू सिंह
- विजय कुमार मंडल
- रत्नेश सदा
- कृष्ण नंदन पासवान
- जयन्त राज
चकाई के पूर्व मंत्री सुमित कुमार सिंह वह अपनी सीट हार चुके थे, इसलिए उनका बाहर होना तय था।
रीगा से विधायक हैं मोतीलाल प्रसाद पार्टी ने उन्हें टिकट भी नहीं दिया, उनकी जगह नया उम्मीदवार खड़ा कर दिया गया.
कैबिनेट में 12 नए चेहरे शामिल- कौन हैं ये नेता?
नई कैबिनेट में जो 12 नेता पहली बार शामिल हुए हैं उनमें प्रमुख नाम हैं-
बीजेपी कोटे से:
- रामकृपाल यादव
- संजय सिंह टाइगर
- अरुण शंकर प्रसाद
- रमा निषाद
- लखेंद्र कुमार रोशन
- श्रेयसी सिंह
एलजेपी (रामविलास) कोटे से:
- संजय कुमार
- संजय कुमार सिंह
आरएलएम (आरएलएमओ) कोटा से:
- दीपक प्रकाश कुशवाह
इनके अलावा कुछ अन्य नए चेहरे भी पहली बार मंत्री पद पर पहुंचे हैं.
प्रमुख रालोमो उपेन्द्र कुशवाहा का बेटा दीपक प्रकाश कुशवाह इस मंत्रिपरिषद के नए चेहरों की सबसे ज्यादा चर्चा है.
वह न तो विधायक हैं और न ही एमएलसी.
संविधान के अनुसार वे 6 महीने के अंदर विधान परिषद का सदस्य बनना होगा.
उन्हें मंत्री बनाना ‘लव-कुश समीकरण’ को मजबूत करने की रणनीति मानी जा रही है.
अंतरराष्ट्रीय शूटिंग खिलाड़ी और जमुई से दूसरी बार विधायक श्रेयसी सिंह बीजेपी ने उन्हें कैबिनेट में शामिल कर बड़ा दांव खेला है.
अपने क्षेत्र में मजबूत पकड़, साफ-सुथरी छवि और युवा नेतृत्व के कारण वह पहले से ही सुर्खियों में थीं।
उन्हें बिहार में पार्टी दो महिला नेतृत्व का चेहरा बनाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं.
मुजफ्फरपुर की औराई सीट से पहली बार विधायक बने रमा निषाद 57 हजार से ज्यादा वोटों की बड़ी जीत हासिल की थी.
वह पूर्व सांसद अजय निषाद की पत्नी हैं.
बीजेपी की निषाद समुदाय को साधने की रणनीति में उनकी भूमिका अहम मानी जा रही है.
नई कैबिनेट की संरचना दे रही है कई बड़े राजनीतिक संकेत-
1. लव-कुश समीकरण को मजबूत करना
दीपक प्रकाश कुशवाह की एंट्री से एनडीए ने साफ संदेश दे दिया कि कुशवाह-कुर्मी समीकरण को प्राथमिकता दी जाएगी.
2. महिलाओं की बढ़ती भूमिका
श्रेयसी सिंह और रमा निषाद को कैबिनेट में शामिल किया जाना इस दिशा में बड़ा कदम है.
3. नए चेहरों पर भरोसा करें
एनडीए ने 12 नए मंत्रियों को शामिल कर भावी नेतृत्व तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
4. प्रदर्शन के आधार पर निर्णय
पिछली सरकार के कई खराब प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों को हटा दिया गया है।
5. एनडीए की सामूहिक ताकत
बीजेपी-जेडीयू-एलजेपी(आरए)-हम-आरएलएमओ
सभी को प्रतिनिधित्व देकर एकता का संदेश दिया गया है।
VOB चैनल से जुड़ें



