बिहार विधानसभा चुनाव के बीच एक दिलचस्प राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया है. सीपीआई-एमएल के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य पहली बार भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह के बयान का समर्थन किया है. दीपंकर ने कहा कि जनता को आपराधिक प्रवृत्ति वाले उम्मीदवारों को वोट देने से पहले गंभीरता से सोचना चाहिए.
आरके सिंह ने क्या कहा?
हाल ही में आरके सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने मतदाताओं से आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को वोट न देने की अपील की थी.
वीडियो में उन्होंने कहा था कि ”ऐसे उम्मीदवारों को वोट देने से बेहतर है कि लोग नोटा बटन दबाओ या ‘मर जाओ’।”
उन्होंने अपने बयान में मोकामा समेत एनडीए और महागठबंधन के कई उम्मीदवारों के नाम लिए थे. अनंत सिंहभोजपुर संदेश से राधा चरण साहराजद का अरुण यादवउसका बेटा दीपू यादवऔर जगदीशपुर से भगवान सिंह कुशवाह नाम शामिल था.
दीपांकर का समर्थन:
आरके सिंह के इस बयान को सही ठहराते हुए दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा-
“आरके सिंह बिल्कुल सही हैं। जनता को आपराधिक प्रवृत्ति वाले लोगों को वोट देने से पहले गंभीरता से सोचना चाहिए। पार्टी कोई भी हो, अगर उसके उम्मीदवार का आपराधिक रिकॉर्ड है, तो जनता को उसके खिलाफ फैसला लेना चाहिए।”
-दीपंकर भट्टाचार्य, राष्ट्रीय महासचिव, सीपीआई-एमएल
दीपांकर का यह बयान इसलिए खास माना जा रहा है क्योंकि इस दौरान उन्होंने महागठबंधन के कुछ उम्मीदवार लेकिन आरके सिंह की टिप्पणी का समर्थन भी किया.
महागठबंधन पर भी उठे सवाल:
जब दीपांकर से पूछा गया कि आरके सिंह ने महागठबंधन के कई उम्मीदवारों के नाम भी बताए हैं तो उन्होंने दोहराया-
“हां, बिल्कुल। पार्टी कोई भी हो, जनता को आपराधिक प्रवृत्ति वाले उम्मीदवारों के बारे में सोचना चाहिए। यह लोकतंत्र के लिए बेहतर होगा।”
इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में नई बहस शुरू हो गई है.
बीजेपी ने भी साधा निशाना:
हालांकि, दीपांकर ने आरके सिंह का समर्थन करते हुए बीजेपी पर तीखा हमला भी बोला. उसने कहा –
“आरके सिंह बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं और पार्टी की आंतरिक स्थिति को अच्छी तरह से जानते हैं। उनके बयान से साफ पता चलता है कि बिहार की राजनीति में बीजेपी के अंदर उथल-पुथल मची हुई है।”
दीपंकर ने आरोप लगाया कि बीजेपी अब बिहार की राजनीति में नये समीकरण तैयार कर रही है.
मुख्यमंत्री पद को लेकर बयान:
मुख्यमंत्री के पोस्ट पर दीपांकर भट्टाचार्य ने भी कमेंट किया. उन्होंने कहा कि भले ही अभी तक महागठबंधन की ओर से कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है. तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री पद का चेहरा हैं हैं।
उन्होंने एनडीए पर हमला बोलते हुए कहा-
“अमित शाह ने कहा कि चुनाव के बाद चर्चा होगी. इसका मतलब साफ है कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं बनने जा रहे हैं.”
राजनीतिक उथल-पुथल तेज:
दीपंकर भट्टाचार्य का यह बयान बिहार विधानसभा चुनाव में नया राजनीतिक मोड़ ला सकता है. भाजपा नेता के बयान को सीपीआई-एमएल का समर्थन असामान्य है और इससे राज्य को काफी झटका लगा है. नैतिक राजनीति बनाम आपराधिक छवि वाले उम्मीदवार बहस तेज़ हो गई है.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दीपंकर का यह रुख दोनों गठबंधनों के लिए चुनौती बन सकता है – इससे एक तरफ महागठबंधन के उम्मीदवारों पर सवाल उठेंगे तो दूसरी तरफ बीजेपी के अंदर की अंदरूनी खींचतान भी उजागर होगी.
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