दरभंगा (बिहार): बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच गौराबौराम सीट वीआईपी और राजद के बीच चल रही तनातनी “दोस्ताना लड़ाई” यह अब ख़त्म हो चुका है.
गुरूवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव उसका उम्मीदवार अफ़ज़ल अली चुनावी मैदान से वापस बुलाया और वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी के भाई संतोष सहनी को जीत का आशीर्वाद दिया।
तेजस्वी यादव ने पहनी विजय माला, अफजल अली को एमएलसी बनाने का किया वादा
तेजस्वी यादव ने मंच से संतोष सहनी को बधाई दी. जीत की माला पहनाई और जनता से उन्हें विजयी बनाने की अपील की.
इस मौके पर वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने कहा-
“मैं अपने छोटे भाई अफजल अली से अनुरोध करता हूं कि वह महागठबंधन के उम्मीदवार संतोष सहनी की मदद करें। हमारी सरकार बनने के बाद आपको एमएलसी बनाया जाएगा।”
मुकेश सहनी ने कहा कि अब गौराबौराम में विकास की गंगा बहाने का समय आ गया है आ गया है. उन्होंने अफजल अली की तारीफ करते हुए कहा कि वह परिवार का हिस्सा हैं और हम सब मिलकर यह सीट महागठबंधन के खाते में लाएंगे.
तेजस्वी बोले- ‘परिवर्तन की बयार चल रही है’
बैठक में तेजस्वी यादव ने कहा कि पूरे बिहार में परिवर्तन की हवा यह चल रहा है.
“गौराबौराम की जनता से अपील है कि वीआईपी प्रत्याशी संतोष सहनी को भारी मतों से विजयी बनाएं। जय बिहार, जय बिहारी!”
उन्होंने कहा कि महागठबंधन की एकता के साथ गौराबौराम सीट पर ऐतिहासिक जीत तय है.
टकराव का माहौल था, अब विवाद खत्म हो गया है
सबसे पहले गौराबौराम सीट राजद और वीआईपी के बीच टकराव की स्थिति इसे बनाया गया था.
शुरुआत में राजद अफ़ज़ल अली को टिकट दिया गया, लेकिन बाद में इस सीट से वीआईपी के खाते में वह चली गईं और मुकेश सहनी अपने भाई से मिले. संतोष सहनी को उम्मीदवार बनाया गया.
अफजल अली ने अपना नामांकन वापस नहीं लिया, जिससे विवाद बढ़ गया. लालू यादव ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर अफजल की उम्मीदवारी रद्द करने की मांग की थी, लेकिन आयोग ने इसे खारिज कर दिया था.
अब तेजस्वी यादव के हस्तक्षेप से पूरा विवाद ख़त्म हो गया यह किया जाता है।
किसके बीच है मुकाबला?
- वीआईपी: संतोष सहनी (महागठबंधन समर्थित)
- भाजपा: सुजीत कुमार
- जन सूरज: मोहम्मद इफ्तेखार आलम
पिछले चुनाव (2020) में वी.आई.पी. स्वर्ण सिंह जबकि इस सीट पर जीत हासिल की थी अफ़ज़ल अली दूसरे स्थान पर था.
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