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Thursday, November 13, 2025
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जीत पर नहीं मनाया जाएगा जश्न! फूल बाजार में तो खूब रौनक है, लेकिन मिठाई और संगीत विक्रेता असमंजस में हैं. लोकजनता


पटना

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आने वाले हैं और राज्य में राजनीतिक उत्सुकता चरम पर है. एक तरफ समर्थकों में जीत का इंतजार है तो दूसरी तरफ प्रशासन द्वारा जश्न, रोड शो और विजय जुलूस पर रोक लगा दिये जाने से कई व्यवसायियों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है.
चुनाव का असर अब पटना समेत कई शहरों के बाजारों पर साफ दिखने लगा है.

फूल बाजार में जबरदस्त रौनक, बढ़ी मांग

ऐसा कभी नहीं होता कि चुनावी जीत का जश्न मनाया जाए और फूल मालाओं की मांग न बढ़े.
इसी उम्मीद में पटना के फूल बाजार पूरी तरह सज गये हैं.

  • गुलाब
  • लिली
  • ऑर्किड
  • रजनीगंधा
  • विभिन्न प्रकार की मालाएँ

अच्छी डिमांड देखने को मिल रही है.
दुकानदारों ने बताया कि समर्थकों ने पहले से ही कई तरह की माला-फूल का ऑर्डर दे दिया है.

“पता नहीं कौन जीतेगा, लेकिन फूलों की मांग हर हाल में रहती है।” – फूल विक्रेता

मिठाई दुकानदार असमंजस में – कोई ऑर्डर नहीं, सिर्फ पूछताछ है

एग्जिट पोल में जहां एनडीए को बढ़त दिखाई जा रही है, वहीं महागठबंधन इसे सिरे से खारिज कर रहा है।
राजनीतिक अनिश्चितता का सीधा असर मिठाई कारोबारियों पर पड़ा है.

दुकानदार कहते हैं-

  • समर्थक दुकान पर आते हैं और रेट पूछते हैं
  • आइए देखते हैं मिठाइयों की वैरायटी
  • लेकिन आदेश की पुष्टि नहीं कर रहा
  • कुछ लोग अचानक बड़े ऑर्डर का आश्वासन लेकर चले जा रहे हैं.

“हम स्टॉक रखें या नहीं-मुझे समझ नहीं आता।” – मिठाई व्यापारी

कई दुकानदारों ने लड्डू, पेड़ा और रसगुल्ले की सप्लाई बढ़ाने का फैसला किया था, लेकिन पाबंदियों और असमंजस की वजह से अभी भी ठहराव बना हुआ है.

बैंड वालों की निराशा- ‘कमाई अटकी’

प्रशासन ने मतगणना के दिन जश्न और विजय जुलूस पर स्पष्ट प्रतिबंध लगा दिया है.
इसका सबसे बड़ा प्रभाव बैंड-बाजा और जगराता टीमें यह पड़ा हुआ है.

“हमारी सबसे बड़ी आय चुनावी जीत के जश्न से होती थी, लेकिन इस बार हमें कुछ नहीं मिलेगा।” – एक बैंड कंडक्टर

वैसे तो शादियों का सीजन शुरू हो चुका है, लेकिन चुनावी माहौल में होने वाला अतिरिक्त काम इस बार लगभग खत्म हो चुका है।

बाजार में उत्सुकता, लेकिन माहौल शांत-नतीजों का इंतजार

फूल बाजार में जहां खरीदारों की भीड़ देखी जा रही है, वहीं मिठाई और बैंड व्यापारियों में अनिश्चितता बनी हुई है।
लेकिन नतीजों का इंतजार तो सभी को है
➡ उत्साह तो है लेकिन जश्न नहीं
➡ डिमांड तो है लेकिन ऑर्डर नहीं
➡ आशा तो है लेकिन निश्चितता नहीं

14 नवंबर को सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू होगी और उसके बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा
किसके यहां मिठाई बंटेगी और किसके यहां फूल बिकेंगे?


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