सासाराम विधानसभा क्षेत्र से राजद प्रत्याशी सत्येन्द्र साह झारखंड के गढ़वा कोर्ट से जमानत मिलने के बाद देर रात सासाराम पहुंचने पर कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वागत किया. नामांकन के तुरंत बाद गिरफ्तारी और 16 दिनों से अधिक समय तक जेल में रहने के बाद साह की वापसी ने चुनावी माहौल को और गर्म कर दिया है.
प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी पत्नी और बेटे ने संभाली
झारखंड पुलिस ने सत्येन्द्र साह को गिरफ्तार कर लिया है 2004 में बैंक डकैती के मामले नामांकन के बाद गिरफ्तार कर लिया गया.
उनकी अचानक गिरफ्तारी से सासाराम में राजनीतिक हलचल तेज हो गई थी.
साह की अनुपस्थिति में:
- उनका पत्नी
- और उनके बेटा
उन्होंने पूरे क्षेत्र में चुनाव प्रचार की कमान संभाली.
राजद कार्यकर्ता लगातार जनसंपर्क में जुटे रहे और प्रत्याशी की रिहाई की उम्मीद बनाये रखी.
अब साह के लौटते ही राजद खेमे में हैं जोश और उत्साह चरम पर है।
साह ने कहा- ‘गिरफ्तारी साजिश है, 21 साल पुराने मामले में अचानक कार्रवाई’
जमानत मिलने के बाद मीडिया से बात करते हुए सत्येन्द्र साह ने कहा कि:
“मैं पहले भी कई चुनाव लड़ चुका हूं, लेकिन पुलिस ने कभी कोई कार्रवाई नहीं की। अब 21 साल पुराने मामले में अचानक गिरफ्तारी हुई है- यह एक साजिश है।”
उन्होंने बताया कि उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा है और कोर्ट से जमानत मिलने के बाद अब उनके पास चुनाव प्रचार में दो दिन बचे हैं. पूरी ताकत लगा देंगे.
नामांकन के तुरंत बाद हुई गिरफ्तारी.
- नामांकन दाखिल करने के बाद
- 2004 गढ़वा बैंक डकैती मामले में
- झारखंड पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक चुनाव प्रचार के बीच प्रत्याशी की गिरफ्तारी हुई है सासाराम की राजनीति गरमा गई हैऔर अब रिलीज के बाद ये सीट और भी हाईप्रोफाइल हो गई है.
अगले दो दिन बेहद निर्णायक होंगे
जमानत मिलने के बाद अब सत्येन्द्र साह मैदान में उतर गये हैं.
- एक तरफ उन्हें 16 दिन की कमी पूरी करनी है
- वहीं, विपक्ष भी इस पूरे प्रकरण को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा है.
अब देखना होगा कि क्या ये बेल और वापसी होती है राजद के लिए फायदे का सौदा क्या ये संभव है या विपक्ष इस मुद्दे का राजनीतिक फायदा उठाता है.
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