पटना: बिहार की राजधानी पटना छठ महापर्व को लेकर आस्था और श्रद्धा से सराबोर है. गंगा घाटों और तालाबों पर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. सोमवार को व्रती अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य ‘पूर्वाषाढ़ा’ नक्षत्र में देंगे, जबकि मंगलवार को ‘उत्तराषाढ़ा’ नक्षत्र में उगते सूर्य को अर्घ्य देंगे.
इस साल पटना में कुल 78 घाट लेकिन, श्रद्धालु अर्घ्य देंगे 60 कृत्रिम तालाब किसी भी श्रद्धालु को असुविधा न हो इसके लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है।
शुभ योग एवं व्रत का माहात्म्य |
ज्योतिषी पीके युग के मुताबिक, मंगलवार की सुबह ‘उभयचर’ और ‘अम्लकृति’ जैसे शुभ योग बन रहे हैं, जो छठ व्रत को अधिक फलदायी बना रहे हैं। 36 घंटे का निर्जला व्रत पूरा करने के बाद श्रद्धालु उगते सूर्य को अर्घ्य देकर अपना व्रत तोड़ेंगे.
पंडित प्रेमसागर पांडे ने बताया कि
“डूबते सूर्य को सूर्यास्त से आधा घंटा पहले और उगते सूर्य के लाल होने के बाद अर्घ्य देना शुभ माना जाता है।”
खरना पूजा के साथ निर्जला व्रत शुरू हो गया
रविवार, उपवास का दूसरा दिन ‘खरना’ पूजा श्रद्धा एवं भक्ति के साथ सम्पन्न हुआ। श्रद्धालुओं ने अरवा चावल, गंगा जल, गुड़, दूध से बनी खीर, केले के पत्ते पर रोटी और केले का प्रसाद ग्रहण किया. इसके बाद भक्त 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू करते हैं।
सुरक्षा एवं प्रशासनिक तैयारी
छठ पर्व को देखते हुए पटना प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है.
- राजधानी का 35 प्रमुख घाटों पर 187 ब्लूटूथ कैमरे स्थापित कर दिए गए हैं.
- 550 घाट लेकिन जिसमें छठ व्रत होगा 444 संगतों की परंपरा खेला जाएगा.
- चिकित्सा सहायता के लिए प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर और एम्बुलेंस तैनात हैं।
- खतरनाक तटों पर बैरिकेडिंग और प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित किया गया है.
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें 15 संवेदनशील स्थल तैनात कर दिए गए हैं.
पूरे राज्य में उत्साह का माहौल
छठ की भक्ति लहर पूरे बिहार में देखने को मिल रही है. गढ़, देव सूर्य मंदिर और पटना के उलार सूर्य मंदिर सहित राज्य भर में। लगभग 8500 घाट लेकिन अर्घ्य देने की व्यवस्था की गयी है. छठ व्रतियों की सुरक्षा, साफ-सफाई और सुविधा के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है.

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