भागलपुर, 24 अक्टूबर 2025.लोक आस्था के महान त्यौहार छठ इस बार की तैयारी में मंजूषा कला भागलपुर की पहचान बन गयी है की झलक भी मिलेगी. इस साल घाटों पर श्रद्धालु इसी तरह भगवान भास्कर की पूजा करेंगे सजाए गए सूप के साथ पूजा-अर्चना करेंगेजिस पर पारंपरिक मंजूषा पेंटिंग उकेरी गई है।
भागलपुर की यह अनोखी पहल लोक कला और आस्था का संगम एक उदाहरण बनाया जा रहा है. शहर की मंजूषा गुरु मनोज पंडित वह अपनी टीम के साथ इन सूपों को सजाने में लगे हुए हैं.
मनोज पंडित कहते हैं – “इस बार छठ पर्व के माध्यम से लोक कला को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। मंजूषा कला हमारी विरासत है, इसे छठ जैसे पवित्र पर्व से जोड़ना गर्व की बात है।”
जब श्रद्धालु छठ घाटों पर जाते हैं उगते सूर्य को अर्घ्य देंतब मंजूषा कला से सजे ये सूप न सिर्फ श्रद्धा का प्रतीक होंगे, बल्कि भागलपुर की संस्कृति, परंपरा और लोक कला की जीवंत झलक प्रस्तुति भी देंगे.
इस पहल का उद्देश्य भागलपुर की इस प्राचीन कला को आधुनिक समाज में फिर से पहचान और सम्मान दिलाना है।
ऐसा कला प्रेमियों का कहना है आस्था के इस पर्व में यदि संस्कृति का रंग घुल जाए तो यह भक्ति ही नहीं बल्कि भारतीय लोक परंपरा का पुनर्जागरण भी होगा।

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