पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में करारी हार के बाद राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) पूरी तरह से आत्ममंथन की मुद्रा में नजर आ रही है. विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव आज 17 नवंबर आज दोपहर को एक अहम समीक्षा बैठक बुलाई गई है. चुनाव में राजद ने 143 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन पार्टी ने सिर्फ 25 सीटें जीत ही सका. इस नतीजे को पिछले कई चुनावों की तुलना में राजद के लिए सबसे बड़ा झटका माना जा रहा है.
तेजस्वी यादव के आवास पर होगी निर्णायक बैठक
सूत्रों के मुताबिक यह बैठक तेजस्वी यादव के सरकारी आवास पर होगी जिसमें-
- विजयी विधायक
- पराजित उम्मीदवार
- प्रदेश संगठन के मुख्य पदाधिकारी
उपस्थित होगा।
बैठक में चुनाव में हार के कारणों की बारीकी से समीक्षा की जायेगी. इस पर भी चर्चा होगी कि किन सीटों पर कौन सी रणनीतिक गलतियां हुईं और किन क्षेत्रों में पार्टी संगठन कमजोर हुआ.
तेजस्वी के सामने दोहरी चुनौती- चुनाव में हार और पारिवारिक कलह
पार्टी की हार से तेजस्वी यादव पारिवारिक विवाद से भी जूझ रहे हैं.
रोहिणी आचार्य के पार्टी और परिवार दोनों से नाता तोड़ने के बाद राजद को दोहरी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में तेजस्वी यादव की ये मुलाकात और भी अहम हो गई है.
राजद के सामने सबसे बड़ा संकट – क्यों?
चुनाव नतीजों के बाद जहां एनडीए के घटक दल सरकार गठन की प्रक्रिया में सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहे हैं. राजद कई मोर्चों पर दबाव में है—
✔️हार से उत्पन्न संगठनात्मक संकट
विधानसभा में पार्टी की ताकत घटकर 25 रह जाने से उसके राजनीतिक प्रभाव पर बड़ा असर पड़ रहा है।
✔️आंतरिक कलह
रोहिणी आचार्य के लगाए गंभीर आरोपों ने पार्टी नेतृत्व की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
✔️वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी
कई वरिष्ठ चेहरे भी खुलकर रणनीति पर सवाल उठा रहे हैं, जिससे माहौल और तनावपूर्ण हो गया है.
बैठक में किन मुद्दों पर होगी चर्चा?
बैठक में इन प्रमुख बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा होने की संभावना है-
- चुनावी रणनीति की विफलता
- उम्मीदवार चयन प्रक्रिया
- संगठनात्मक स्तर पर कमियाँ
- बूथ मैनेजमेंट में खामियां
- जनसंपर्क एवं प्रचार अभियान की समीक्षा
- भविष्य की राजनीतिक रणनीति
- पार्टी में गुटबाजी के संकेत उभर रहे हैं
सूत्रों के मुताबिक, तेजस्वी यादव हार के कारणों पर स्पष्ट रिपोर्ट की मांग कर सकते हैं और कुछ जिलों में संगठनात्मक बदलाव भी संभव है.
राजद के लिए क्यों अहम है आज की बैठक?
इस बैठक को राजद के पुनर्गठन की दिशा में पहला बड़ा कदम माना जा रहा है.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि-
“अगर राजद को 2025 की हार के बाद खुद को फिर से खड़ा करना है तो आज की बैठक में गंभीर फैसले लेने होंगे।”
तेजस्वी यादव पर न केवल राजनीतिक नेतृत्व को मजबूत करने बल्कि पारिवारिक विवादों को भी सुलझाने का दबाव है.
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