पटना. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने शानदार प्रदर्शन किया. 19 सीटों पर जीत दर्ज है। इस प्रभावशाली नतीजे के बाद पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान एक अहम राजनीतिक फैसला ले रहे हैं राजू तिवारी एलजेपी (आर) विधायक दल का नेता घोषित कर दिया गया है.
यह फैसला न सिर्फ पार्टी के आंतरिक नेतृत्व को मजबूत करता है, बल्कि बिहार की राजनीति में चिराग पासवान की बढ़ती भूमिका का भी स्पष्ट संकेत देता है.
राजू तिवारी का चयन क्यों किया गया?
पार्टी के अंदर पहले से ही माहौल था कि राजू तिवारी इस पद के सबसे प्रबल दावेदार हैं. इसके पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं:
1. संगठन में लंबा अनुभव
राजू तिवारी लंबे समय से एलजेपी (आर) से जुड़े रहे हैं.
संगठनात्मक कार्य, चुनाव प्रबंधन और जमीनी स्तर पर पकड़ ने उन्हें पार्टी में एक स्थिर और विश्वसनीय चेहरा बना दिया है।
2.चिराग पासवान के विश्वस्त सहयोगी
राजू तिवारी चिराग पासवान के कई अहम फैसलों और रणनीतियों में अग्रणी भूमिका निभाते रहे हैं.
पार्टी उन्हें “चिराग के सबसे भरोसेमंद सहयोगियों” में गिनती है।
3. सभा में प्रभावी नेतृत्व क्षमता
राजू तिवारी की राजनीतिक समझ, संचार कौशल और विपक्ष से रणनीतिक रूप से निपटने की क्षमता उन्हें इस भूमिका के लिए बेहद उपयुक्त बनाती है।
4. सामाजिक एवं जातीय समूहों में मजबूत पकड़
विभिन्न समुदायों के बीच उनकी लोकप्रियता पार्टी की प्रतिनिधि क्षमता को और मजबूत करेगी।
चिराग पासवान बोले- ‘यह सामूहिक नेतृत्व की सोच पर आधारित फैसला है’
राजू तिवारी की नियुक्ति की घोषणा करते हुए चिराग पासवान ने कहा:
“राजू तिवारी का चयन एलजेपी (आर) के सामूहिक नेतृत्व की सोच का प्रतिबिंब है। हमें विश्वास है कि वह विधानसभा में पार्टी की आवाज को मजबूत करेंगे और जन सरोकार के मुद्दों पर प्रभावी भूमिका निभाएंगे।”
इस बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि पार्टी आगामी विधानसभा सत्रों में और अधिक आक्रामक और संगठित होकर भाग लेगी।
अब विधानसभा में एलजेपी (आर) की क्या रणनीति होगी?
19 विधायकों के साथ एलजेपी (आर) बिहार की राजनीति में एक प्रभावशाली ताकत बनकर उभरी है।
राजू तिवारी के नेतृत्व में पार्टी की रणनीति निम्नलिखित बिंदुओं पर केंद्रित रहने की संभावना है:
✔ गरीबों, किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं पर प्राथमिक फोकस
स्थानीय विकास, सड़क, बिजली, पानी और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में सुधार।
✔ युवाओं के मुद्दों पर कड़ा रुख
रोजगार, कौशल विकास और शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए आवाज उठा रहे हैं।
✔ स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सख्त रुख
जिला अस्पतालों, पीएचसी और सरकारी योजनाओं की मॉनिटरिंग पर जोर.
✔ एनडीए में अपनी भूमिका मजबूत कर रही है
चिराग के बढ़ते समर्थन आधार को देखते हुए, एलजेपी (आर) गठबंधन के भीतर एक प्रमुख सहयोगी के रूप में अपनी जगह पक्की करना चाहती है।
✔ पार्टी का विस्तार और जनाधार बढ़ाना
19 सीटों की जीत ने एलजेपी (आर) को नए क्षेत्रों में विस्तार करने का मौका दिया है.
राजनीतिक संदेश: एलजेपी (आर) को अब हल्के में नहीं लिया जा सकता
राजू तिवारी की नियुक्ति कई संदेश देती है:
1. एलजेपी (आर) अब रणनीतिक रूप से मजबूत हो रही है
संगठनात्मक ढांचे को फिर से मजबूत किया जा रहा है.
2.चिराग पासवान का कद बढ़ा
19 सीटें जीतने के बाद अब चिराग एनडीए के प्रभावी नेताओं की पहली कतार में नजर आ रहे हैं.
3. भावी गठबंधन समीकरणों पर असर
इतनी सीटों के साथ एलजेपी (आर) किसी भी बड़े राजनीतिक फैसले में अहम भूमिका निभा सकती है.
4. विपक्ष को कड़ी चुनौती मिलने की संभावना
राजू तिवारी की आक्रामक और मुद्दा आधारित शैली विधानसभा में विपक्ष के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है.
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