टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय उतरे मैदान में, प्रदेश नेतृत्व ने की अनुशासनात्मक कार्रवाई
भागलपुर.बिहार विधानसभा चुनाव के बीच भागलपुर जिले के कहलगांव विधानसभा क्षेत्र से बड़ी राजनीतिक खबर सामने आई है. भारतीय जनता पार्टी ने अपने विधायक पवन यादव को पार्टी विरोधी गतिविधि के आरोप में छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है.
प्रदेश भाजपा मुख्यालय प्रभारी अरविन्द शर्मा जारी पत्र में कहा गया है कि विधायक पवन यादव उन्होंने 2025 के विधानसभा चुनाव में एनडीए के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल कर पार्टी अनुशासन का उल्लंघन किया है.
पत्र में पवन यादव के इस कदम का जिक्र है गठबंधन की एकजुटता और संगठन की नीतियों के विपरीत है। पार्टी ने इसे गंभीर अनुशासनहीनता माना. अनुशासन समिति की अनुशंसा पर छह वर्ष के लिए निष्कासन फैसला कर लिया है.
जिला संगठन को भेजे गए पत्र की प्रतिलिपि
प्रदेश भाजपा कार्यालय से जारी पत्र की प्रति जिला संगठन एवं संबंधित अधिकारी को भी भेजा गया है ताकि निर्णय का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके। इसके बाद कहलगांव विधानसभा क्षेत्र में कार्रवाई हुई राजनीतिक उथल-पुथल तेज हो गई है। इस फैसले को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय समर्थकों में चर्चा है चर्चा और आक्रोश दोनों दिखाई दे रहे हैं.
पवन यादव ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था
बताया जा रहा है कि टिकट जारी होने के बाद विधायक पवन यादव पार्टी नेतृत्व से नाराज होकर उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल किया था. उनके इस फैसले से एनडीए के आधिकारिक उम्मीदवार के समीकरणों पर असर पड़ सकता था. इसे देखते हुए पार्टी तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई का।

“पद से नहीं सेवा से बनाऊंगा अपनी पहचान” – पवन यादव
टिकट नहीं मिलने पर विधायक पवन यादव ने सोशल मीडिया के जरिए कहा था.
“किसी और को टिकट मिलने से ज्यादा चर्चा मेरे टिकट न मिलने को लेकर है। यह चर्चा राजनीति को लेकर नहीं है, यह आपके अपार प्यार और विश्वास का नतीजा है। मैं इसे अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि मानता हूं, क्योंकि पद पाना सौभाग्य हो सकता है, लेकिन जनता के दिलों में जगह बनाना वरदान है। मैं अपने पद से नहीं, बल्कि अपने काम और सेवा से पहचाना जाऊंगा।”

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