पटना ब्यूरो रिपोर्ट
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद प्रवर्तन एजेंसियों ने राज्य भर में बड़ी कार्रवाई तेज कर दी है. मतदाताओं को लुभाने के लिए बांटी जा रही नकदी, शराब, ड्रग्स और महंगी वस्तुओं की आपूर्ति रोकने के लिए पुलिस से लेकर आयकर विभाग तक सभी एजेंसियां लगातार संयुक्त अभियान चला रही हैं।
इन कार्यों का प्रभाव अब तक दिखाई दे रहा है 127 करोड़ 84 लाख रुपये से ज्यादा की जब्ती कर दी गई।
12 नवंबर की बड़ी जब्ती- 40.9 लाख रुपये की बरामदगी
11 से 12 नवंबर के बीच चलाए गए ऑपरेशन में एजेंसियों ने बड़ी मात्रा में अवैध सामान जब्त किया:
- नकद राशि: 1.5 लाख
- शराब: 39.1 लाख
- औषधियाँ: 0
- कीमती धातु: 0
- मुफ़्त/अन्य वस्तुएँ: 0.3 लाख
➡ कुल जब्ती: 40.9 लाख रुपये
प्रवर्तन एजेंसियों का दावा है कि वोटिंग से पहले मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए बड़े पैमाने पर शराब और नकदी बांटने की तैयारी थी, जिसे समय रहते रोक दिया गया.
आचार संहिता लागू होने के बाद अब तक की सबसे बड़ी बरामदगी- आंकड़े चौंकाने वाले
राज्य भर में अब तक हुई कुल बरामदगी:
- नकद: 1214.3 लाख
- शराब: 5110 लाख
- औषधियाँ: 2832.5 लाख
- कीमती धातु: 643.8 लाख
- मुफ़्त/अन्य वस्तुएँ: 2984.2 लाख
➡ कुल जब्ती: 12784.4 लाख रुपये (127.84 करोड़ रुपये)
ये आंकड़े बताते हैं कि मतदाताओं को प्रभावित करने वाली गतिविधियां किस स्तर पर चल रही थीं और उन्हें रोकने के लिए प्रशासन कितना सक्रिय है.
चुनाव आयोग का निर्देश- शिकायत मिलते ही तुरंत कार्रवाई करें
चुनाव आयोग ने सभी जिलों को स्पष्ट निर्देश दिये हैं-
➡ निगरानी को और मजबूत करें
➡ हर शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करें
➡ सभी प्रवर्तन एजेंसियों के बीच समन्वय बढ़ाएं
जिला प्रशासन, पुलिस, उत्पाद विभाग, आयकर विभाग, नारकोटिक्स ब्यूरो, कस्टम विभाग और फ्लाइंग स्क्वायड मिलकर कार्रवाई कर रहे हैं.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने कहा:
“हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि मतदाता बिना किसी प्रलोभन या दबाव के निष्पक्ष रूप से मतदान कर सकें।”
वोटिंग से पहले क्यों बढ़ा छापेमारी का दबाव?
चुनाव से पहले मतदाताओं को लुभाने के लिए अक्सर अवैध शराब, नकदी और मुफ्त वस्तुओं का इस्तेमाल किया जाता है।
इस कारण से:
- हाईवे पर चेकिंग बढ़ा दी गई
- होटल और रेस्टोरेंट पर निरीक्षण
- संदिग्ध वाहनों की तलाशी
- सीमावर्ती इलाकों पर सख्ती
- हवाई निगरानी और विशेष चौकी जांच
इस बार कार्रवाई रिकॉर्ड स्तर पर है, जिसे आयोग बड़ी सफलता मान रहा है.
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