Bokaro News: ‘घाट साजवाली मनोहर मैया, तोरा भगति अपार, लिहिन ए अरग हे मैया, दिहि आशीष हजार…’ बोकारो-चास के छठ घाट सज-धज कर तैयार हैं. अब भक्तों को बेसब्री से इंतजार है. शाम 05.24 बजे डूबते सूर्य को और शाम 06.13 बजे उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. लोक आस्था के महापर्व छठ के दूसरे दिन रविवार को व्रतियों ने श्रद्धापूर्वक खरना किया. छठ घाट सज कर तैयार हो गये हैं. अब श्रद्धालुओं को अर्घा का इंतजार है. शहर की नदियाँ और तालाब रंग-बिरंगी रोशनी से नहा उठे हैं।
घाट के सभी पहुंच मार्गों पर रोशनी की व्यवस्था और साफ-सफाई पूरी कर ली गयी है.
छठ घाटों पर जगह-जगह बने तोरण द्वार स्वागत के लिए तैयार हैं. नदियों और तालाबों पर स्थित घाटों के साथ-साथ कृत्रिम घाटों को भी खूबसूरती से सजाया गया है. घाटों के साथ-साथ हर चौक-चौराहों और हर घर में छठी मैया के गीत गूंज रहे हैं. घाट की ओर जाने वाले सभी मार्गों पर रोशनी व साफ-सफाई का काम पूरा कर लिया गया है. व्यवस्था, साफ-सफाई और सुरक्षा के मद्देनजर जिला, निगम और पुलिस प्रशासन के अधिकारी लगातार घाटों का निरीक्षण कर रहे हैं. पूजा समितियां भी अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटी रहीं। महापर्व छठ पूजा के मौके पर छठ व्रती सूप दउरा को फलों से सजा रहे हैं.
श्रद्धा और आस्था के दीपों से जगमगाए घर-आंगन:
सोमवार को छठ व्रतियां छठ गीत गाएंगी और सूप का प्रसाद ठेकुआ बनाएंगी। भगवान सूर्य को अर्घ देने का विधान होगा. सूर्य की आराधना से सभी घरों के आंगन भक्ति और आस्था के दीपों से जगमगा रहे हैं। रविवार को खरना अनुष्ठान के बाद छठ पर्व का उल्लास देखते ही बन रहा है.
प्रशासनिक अधिकारियों ने घाटों का निरीक्षण कर तैयारियों का लिया जायजा:
शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में स्थित छठ घाटों को आकर्षक ढंग से सजाने, सुविधाएं बेहतर बनाने और व्यापक सुरक्षा व्यवस्था करने का काम भी पूरा कर लिया गया है. प्रशासनिक अधिकारी लगातार छठ घाटों का निरीक्षण कर तैयारियों का जायजा ले रहे हैं. विधायक, पूर्व विधायक, नगर परिषद अध्यक्ष समेत समाजसेवियों ने भी छठ पर्व के प्रति अपना समर्पण दिखाया है.
खरना से शुरू होता है छठ व्रत का 36 घंटे का निर्जला व्रत:
छठ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास रविवार को खरना पूजा के साथ शुरू हो गया। छठ व्रतियों ने एकांत में प्रसाद ग्रहण किया. अब उनका निर्जला व्रत मंगलवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद टूटेगा. रविवार को लोगों ने फल, नारियल व पूजन सामग्री की खरीदारी की. गेहूं पिसवाने के लिए लोग चक्की की दुकानों पर कतार में खड़े थे। रविवार की शाम खरना में आम की लकड़ी पर गुड़ और अरवा चावल की खीर बनायी गयी. छठ मईया को यह प्रसाद चढ़ाकर व्रतियों ने निर्जला व्रत का संकल्प लिया। देर रात तक श्रद्धालुओं ने खरना का प्रसाद ग्रहण किया.
आज शहर से लेकर गांव तक छठ घाटों पर जुटेगी व्रतियों व श्रद्धालुओं की भीड़:
वहीं, सोमवार को लोग डूबते सूर्य को जल अर्पित करेंगे. पहले दिन में गाय के घी में ठेकुआ और अन्य व्यंजन बनाए जाते थे. छठ घाट पर जाने के लिए सूप, टोकरी और दउरा सजाया जायेगा. सोमवार की शाम को बोकारो, चास, पिंड्राजोरा, चंदनकियारी, भोजूडीह, तालगड़िया, बालीडीह, जैनामोड़, पेटरवार, कसमार के छठ घाटों पर आस्था के साथ व्रतियों व श्रद्धालुओं की भीड़ जुटेगी. श्रद्धालु तालाब में उतरकर छठ मैया के साथ सूर्य की पूजा करेंगे और डूबते सूर्य को जल अर्पित करेंगे. अगले दिन मंगलवार को व्रती उगते सूर्य को जल अर्पित कर सुख-समृद्धि और निरोगी काया की कामना करेंगे. ठेकुआ प्रसाद का वितरण किया जाएगा।
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