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रांची/डेस्क:- बिहार विधानसभा के नतीजों को ध्यान से देखें तो महागठबंधन से सबसे खराब स्थिति में कांग्रेस नजर आएगी. वोट सेंधमारी और मतदाता अधिकार यात्रा के बाद भी कांग्रेस को बिहार में यह झटका लगा है. आपको बता दें कि बुहार के नतीजों में एनडीए को कुल 202 सीटें मिलीं, जबकि महागठबंधन को सिर्फ 35 सीटों पर जीत मिली. चुनाव में कांग्रेस का स्ट्राइक रेट सिर्फ 10 फीसदी बताया जा रहा है.
वाल्मिकी नगर-सुरेंद्र प्रसाद
इस सीट से सुरेंद्र प्रसाद को 107730 वोट मिले हैं और 1675 वोटों से जीत हासिल की है. यह सीट कांग्रेस के लिए हमेशा सुरक्षित मानी जाती थी. फिर भी कड़ा मुकाबला था.
चनपटिया – अभिषेक रंजन
पश्चिमी चंपारण की इस सीट से कांग्रेस को जीत मिली है. यहां से कांग्रेस के अभिषेक रंजन ने 87538 वोट पाकर महज 602 वोटों के मामूली अंतर से जीत हासिल की. आख़िरकार इस सीट पर मुक़ाबला बेहद रोमांचक होता जा रहा है. इस सीट से जनसुराज के मनीष कश्यप चुनाव हार गये.
फारबिसगंज-मनोज विश्वास
सीमांचल की इस सीट से कांग्रेस को सफलता मिली है. यहां से मनोज विश्वास ने 120114 वोट हासिल कर बीजेपी प्रत्याशी को 221 वोटों के भारी अंतर से हराया. आखिरी दौर में यह सीट कांग्रेस के खाते में चली गई.
अररिया- आबिदुर्रहमान
अररिया सीट से कांग्रेस को बड़ी सफलता मिली, अब्दुर रहमान को कुल 91529 वोट मिले और 12741 वोटों से जीत हासिल की. यह कांग्रेस पार्टी की सबसे बड़ी जीत मानी जाती है.
किशनगंज- एमडी कमरुल होदा
किशनगंज में भी कांग्रेस का प्रदर्शन अपेक्षाकृत अच्छा रहा. यहां के प्रत्याशी एमडी कमरुल होदा 89669 वोट पाकर 12794 वोटों के अंतर से जीते. यह सीट पार्टी का मजबूत गढ़ मानी जाती रही है.
मनिहारी-मनोहर प्रसाद सिंह
मनिहारी सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी ने 114754 वोट हासिल कर 15168 वोटों की सबसे बड़ी जीत दर्ज की, यह अंतर कांग्रेस के सभी विजेताओं में सबसे ज्यादा है.
सिर्फ 6 सीटों पर ही जीत पाई है कांग्रेस इस बार बिहार चुनाव में कांग्रेस ने कुल 61 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. लेकिन ज्यादातर जगहों पर उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा.
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