गढ़वा से नित्यानंद दुबे की रिपोर्ट
गढ़वा. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रभात कुमार शर्मा की अदालत ने हत्या के एक मामले में महिला आरोपित विमली देवी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. इसके साथ ही कोर्ट ने महिला पर 500 रुपये का जुर्माना भी लगाया. पांच हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया गया है.
यह घटना 1 जनवरी 2012 को हुई थी। इस संबंध में रंका थाना क्षेत्र के बाराडीह टोला तिताही महुआ निवासी मृतिका मुनिया देवी के पति विनोद ओरांव ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी। आप यह खबर झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं। विनोद उरांव ने आरोप लगाया था कि घटना के दिन उसी गांव की रहने वाली विमली देवी ने उसे और उसकी पत्नी को अपने घर पर खाना खाने के लिए बुलाया था.
खाना खाने के बाद विमली देवी का अपने पति पप्पू उरांव से विवाद होने लगा. आरोप है कि पप्पू उरांव और विमली देवी ने मिलकर पति-पत्नी की पिटाई शुरू कर दी. मारपीट देख विनोद उरांव भाग कर अपने घर चला गया.
विनोद उराँव ने बताया कि रात आठ बजे वह अपने छोटे भाई अनुज उराँव के साथ विमली के घर गया, लेकिन दरवाजा बंद मिला। काफी प्रयास के बाद भी जब दरवाजा नहीं खुला तो वह लौट आया। अगली सुबह उसने देखा कि उसकी पत्नी मुनिया देवी घर के पीछे घायल हालत में पड़ी है. ग्रामीणों की मदद से उसे रंका अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे सदर अस्पताल गढ़वा रेफर कर दिया गया. इलाज के दौरान मुनिया देवी की मौत हो गयी.
चौदह गवाहों, साक्ष्यों, पोस्टमार्टम रिपोर्ट व अन्य दस्तावेजों के आधार पर अदालत ने आरोपित विमली देवी को हत्या का दोषी पाया. अदालत ने विमली देवी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई और उस पर ₹5,000 का जुर्माना भी लगाया।
अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अजय शंकर तिवारी और अभियोजन पक्ष की ओर से उमेश दीक्षित ने बहस की.


                                    
