डकार. सुमन कुमार का पूरा कार्यकाल सीसीएल में बीता है. विवाद उनका लगातार साथी रहा है. बिहार के एक ताकतवर विधायक और झारखंड के एक सांसद की पैरवी का इस्तेमाल कर वह हमेशा अपनी मनमानी कार्यशैली के लिए जाने जाते रहे हैं. उनके करीबी लोग गर्व से दावा करते हैं कि कुछ महीने पहले ट्रांसफर-पोस्टिंग उनकी इच्छा के अनुरूप नहीं होने पर उन्होंने सीसीएल के एक वरिष्ठ अधिकारी को दिल्ली बुलाया था. एनके एरिया में 21 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी सालाना मेंटेनेंस का काम जमीन पर नहीं दिखना, त्योहार के महीने में गंदगी की सफाई नहीं हो पाना, केंद्रीय विद्यालय भवन निर्माण के लिए एस्टीमेट बनाने में गड़बड़ी और वहां हादसा हो जाना, साइलो प्रोजेक्ट के काम में लापरवाही के कारण एक मजदूर की मौत, प्रमोशन पाकर महाप्रबंधक बनना और अब बीसीसीएल में ट्रांसफर हो जाना जैसी कई कहानियां लोग सुनाते हैं.
एक साथ बैठो और फिर हम तुम्हें बताएंगे:
रंजीत सिंह मामले को मैनेज करने को लेकर सवाल पूछे जाने पर सुमन कुमार ने कहा कि एक बार हम साथ बैठेंगे, फिर अपनी बात बताएंगे. कहा कि सीआईएसएफ कॉलोनी में काम में अनियमितता में मेरी कोई भूमिका नहीं है. मैं उस तरह का काम भी नहीं करता.अस्वीकरण: यह लोकजनता अखबार का स्वचालित समाचार फ़ीड है. इसे लोकजनता.कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
पोस्ट की गई राजनीतिक पूजा सुमन कुमार अपडेटेड या लोकजनता की सुस्ती में शामिल रही है.



