सिमडेगा. कुंजनगर स्थित संकट मोचन मंदिर परिसर में चल रहे नौ दिवसीय रामलीला मंचन के पांचवें दिन सीता स्वयंवर का मंचन किया गया। इस अवसर पर मंच सजाया गया और कलाकारों ने रामायण काल की पवित्र कहानी का जीवंत प्रदर्शन किया। कार्यक्रम की शुरुआत रामकथा के वाचन से हुई, जिसमें कथा-व्यास घनश्याम पांडे ने भगवान श्री राम के आदर्शों, उनके जनकपुरी आगमन, शिवधनुष प्रसंग और राम-सीता के पवित्र मिलन की कथा सुनाई. राम कथा सुनने के बाद पूरा माहौल भक्तिमय हो गया और श्रोता भावविभोर हो गये. इसके बाद सीता स्वयंवर का मंचन किया गया, जिसमें विभिन्न राजाओं द्वारा धनुष उठाने का प्रयास, राजा जनक की चिंता और अंत में भगवान श्रीराम द्वारा धनुष उठाकर तोड़ने का दृश्य देख दर्शक उत्साह से उछल पड़े। जब माता सीता ने श्रीराम को जयमाला पहनाई तो पूरा पंडाल जय श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से आए रामलीला कमेटी के निदेशक बाल कृष्ण शास्त्री ने कहा कि रामलीला मंचन में प्रकाश व्यवस्था, ध्वनि प्रभाव और पारंपरिक वेशभूषा का विशेष ध्यान रखा गया है, ताकि दर्शकों को वास्तविक अनुभव मिल सके। कलाकारों में राम लोचन ओझा, देवनारायण तिवारी, शिवकांत पांडे, प्रदुमन पांडे, गोविंद द्विवेदी, बालकृष्ण पांडे, वीरेंद्र मिश्रा, अभिषेक पांडे, सोनू पांडे, राजा पांडे शामिल हैं। कार्यक्रम को सफल बनाने में पूर्व वार्ड पार्षद रामजी यादव, परशुराम साहू, मनोज सिंह, बजरंग रजक के अलावा संकट मोचन मंदिर समिति के सदस्य अहम भूमिका निभा रहे हैं.
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