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हुसैनाबाद/डेस्क: देश की सर्वोच्च अदालत में मुख्य न्यायाधीश पर अधिवक्ता राकेश किशोर द्वारा फेंके गए जूते और ग्वालियर कोर्ट में संविधान निर्माता डॉ. बीआर अंबेडकर के खिलाफ अधिवक्ता अनिल मिश्रा द्वारा की गई अशोभनीय टिप्पणी के विरोध में बुधवार को अंबेडकर चेतना परिषद और यूनाइटेड मिल्ली फोरम के संयुक्त तत्वावधान में शहर में विरोध रैली निकाली गई। इसकी शुरुआत शहर के खादी ग्रामोद्योग मैदान से हुई और जपला धरहरा, रविदास नगर, मकबरा रोड, गांधी चौक होते हुए मुख्य शहर में पैदल मार्च निकाला. प्रदर्शनकारियों ने इस घटना को न्यायपालिका का अपमान बताया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. शहर के अंबेडकर चौक पर स्थापित बाबा साहेब की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया और सभा को संबोधित किया गया, जिसकी अध्यक्षता अंबेडकर चेतना परिषद के संरक्षक रामेश्वर मेहता ने की, जबकि विजय कुशवाहा, मो. कार्यक्रम का संचालन जुबैर अंसारी ने संयुक्त रूप से किया.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता सह पूर्व प्रमुख अबुनशार सिद्दीकी ने कहा कि आजादी के 78 साल बाद भी अगर देश के दलित मुख्य न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट में सुरक्षित नहीं हैं तो यह पूरे दलित समाज के लिए चिंता का विषय है, आज देश में जो माहौल बन रहा है. अधिकांश अपराध दलितों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे हैं, मुख्य न्यायाधीश पर हमला और उच्च पदों पर बैठे दलित प्रशासनिक अधिकारियों और प्रतिनिधियों पर हमला भारत की अंतरात्मा और संविधान पर हमला है। सभा के बाद विरोध रैली शहर के जेपी चौक होते हुए अनुमंडल कार्यालय पहुंची और महामहिम राष्ट्रपति के नाम एक मांग पत्र अंचलाधिकारी पंकज कुमार को सौंपा. कार्यक्रम में मुख्य रूप से अंबेडकर चेतना परिषद के युवा प्रदेश अध्यक्ष राकेश कुमार, कृष्णा बैठा, गयासुद्दीन सिद्दीकी, इम्तेयाज आलम, बिनोद बौद्ध, बीके रंजन, नारायण राम, बसपा के पूर्व जिला अध्यक्ष अजय भारती, अब्बास अंसारी, मुन्ना कुमार देव रामप्रवेश राम, अभिषेक कुमार, आरके सुमन उपस्थित थे. शक्ति पासवान, अली इमाम, रामाशंकर चौधरी, दिनेश पासवान, संतोष राम समेत कई लोग शामिल थे. लोग शामिल थे.
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